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किसी बड़ी साजिश की फिराक में था आतंकी सद्दाम बैंक खातों के नाम पर हो रहा था खेल


गोंडा : देहात कोतवाली के ग्राम पंचायत करनपुर पठानपुरवा को आतंकी सद्दाम ने साजिश के तहत करीब 18 वर्ष अपना ठिकाना बनाया था। सद्दाम ने जुलाई 2008 में शफीउल्ला के नाम से भारतीय स्टेट बैंक शाखा कवास में खाता खोला था। इसमें उसने केयर ऑफ करके जो पता दर्शाया है वह इच्छापूरे सूरत गुजरात का है।

अपने आपको ट्रक चालक बताने वाले सद्दाम खाते से लाखों रुपये की जमा निकासी करता रहा है। वहीं साजिश के तहत सद्दाम ने ही शैक्षिक प्रमाण पत्र तैयार कराया। उसमें विद्यालय प्रशासन ने कक्षा छह में उसका प्रवेश वर्ष 1997 दर्शाया है।

अहम सवाल यह कि सद्दाम पहली बार वर्ष 2005 में पठानपुरवा आया तो कक्षा छह में वर्ष 1997 ही में गांव के बगल स्थित विद्यालय में प्रवेश कैसे ले लिया। हालांकि सद्दाम की सास व पत्नी बगल के विद्यालय से शैक्षिक प्रमाण पत्र लिए जाने का दावा कर रही हैं। यह विद्यालय एक पूर्व विधायक का है।

बैंक खाता के जमा निकासी पर एक नजर

आतंकी सद्दाम ने जुलाई 2008 में भरतीय स्टेट बैंक खाता का संचालन शुरू किया। एक हजार रुपये जमा कर खाता खोला। खुद को ट्रक चालक बताने वाले ने अपने इस बैंक खाता में 29 जुलाई 2008 को 40 हजार रुपये जमा करता है। इसी के दूसरे दिन 30 जुलाई को वह अपने इस खाते में 20 हजार रुपये जमा करता है। इसी तरह वह छोटी-छोटी धनराशि को जमा कर उसकी निकासी करता रहता है।

दो मार्च मार्च 2009 को उसके खाते में एक लाख तीन हजार रुपये जमा किया जाता है। तीन मार्च को वह एक लाख 10 हजार रुपये निकालता है। इसी तरह इस खाते में जमा निकासी का मामला सामने आया है।

शैक्षिक प्रमाण पत्र कटघरे में

सद्दाम की सास आसमां व पत्नी रूबीना कहती हैं कि सद्दाम ने गांव के बगल स्थित विद्यालय से कक्षा आठ पास का शैक्षिक प्रमाण पत्र लिया था। सद्दाम के छात्र/छात्रा पत्रावली तथा स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) में सद्दाम का कक्षा छह में जुलाई 2007 में प्रवेश दर्शाया गया है। वर्ष 2009 में उसे कक्षा आठ पास दर्शाया गया है।

सवाल यह है कि जब सद्दाम वर्ष 2005 में पहली बार पठानपुरवा आता है तो उसने कक्षा छह से कक्षा आठ तक की पढ़ाई यहां वर्ष 1997 से 1999 के बीच कैसे की। यह भी एक साजिश की कड़ी है। ऐसे ही उसने ग्राम पंचायत से लेकर पठानपुरवा में रहने का प्रमाण पत्र भी साजिश के तहत तैयार करा ली थी।

भूमि बैनामा में शफीउल्ला और आधारकार्ड में सद्दाम

वर्ष 2008 में आतंकी सद्दाम ने शफीउल्ला के नाम से पठानुपरवा में भूमि का बैनामा कराया कराया था, इसमें प्रहलाद गुप्त और कल्लन गवाही है। साजिश के तहत शफीउल्ला नाम से बैंक खाता संचालित कर भूमि का बैनामा कराने वाला साजिश के तहत सद्दाम बन गया।

हालात यह हैं कि पठानपुरवा के अधिकांश लोग सद्दाम का दूसरा नाम शफीउल्ला जानते ही नहीं। आतंकी को गिरफ्तार करने वाली एटीएस सहित अन्य टीमें सद्दाम की पत्नी, सास, ससुर सहित सात लोगों से पूछताछ की। इन लोगों से लिए अभिलेखों की पड़ताल कर रही है।