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विराट कोहली ने इन दो खिलाड़ियों को आइपीएल का सबसे ट्रांसफारमेटिव प्लेयर बताया


नई दिल्ली, । आरसीबी के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने बल्लेबाज केएल राहुल और स्पिनर युजवेंद्रा चहल की आइपीएल टूर्नामेंट की यात्रा को सबसे परिवर्तनकारी करार दिया। केएल राहुल आरसीबी के साथ साल 2013 में जुड़े थे और इसके बाद फिर से इस टीम के लिए 2016 में भी खेले थे। वहीं चहल की यात्रा आरसीबी के साथ लंबी रही और वो इस टीम का 2014 से 2021 तक जुड़े रहे।

कोहली ने आरसीबी के पाडकास्ट पर बात करते हुए कहा कि मेरे दिमाग में सिर्फ दो लोगों के नाम आ रहे हैं जो केएल राहुल और चहल हैं। केएल साल 2013 में करुण नायर और मयंक अग्रवाल के साथ टीम से जुड़े थे। केएल राहुल कभी भी मुझे टी20 प्रारूप के स्पेशलिस्ट के रूप में नहीं दिखे। वो 2015 में सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा थे और अविनाश वैद्य पहले हमारे मैनेजर थे। उन्होंने मुझसे संपर्क किया क्योंकि वह केएल राहुल के संपर्क में थे और उन्हें खेलने का मौका ज्यादा नहीं मिल रहा था। हालांकि मैंने केएल को भारत के लिए खेलते हुए देखा था।

कोहली ने आरसीबी के लिए खेलते हुए अपने और केएल राहुल के शुरुआत संबंध पर बात करते हुए कहा कि राहुल ने जब आरसीबी छोड़ दिया उसके बाद मैंने उन्हें ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था, लेकिन मैंने सुना था कि वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में काफी अच्छा कर रहे हैं। वो जब आरसीबी में थे तब काफी यंग थे और मैं भारत के लिए खेल रहा था और हम आरसीबी के लिए नियमित रूप से खेल रहे थे। इसकी वजह से हम वास्तव में उस वक्त ज्यादा नहीं जुड़े थे। हालांकि साल 2014 में जब उन्होंने आस्ट्रेलिया में टेस्ट डेब्यू किया था तब उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की थी और मैं हैरान था कि सच में इस खिलाड़ी ने खुद में काफी बदलाव किए हैं। मैं राहुल की बाडी लैंग्वेज, आत्मविश्वास और उनके व्यवहार से काफी प्रभावित था।

कोहली ने कहा कि आखिर आरसीबी ने साल 2016 में केएल राहुल को क्यों साइन किया था। उन्होंने कहा कि वो उस वक्त हैदराबाद के लिए खेल रहे थे, लेकिन उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिल रहे थे। जब उन्हें मौका मिल भी रहा था तब मैंने महसूस किया कि वो दवाब में खेल रहे थे। वो खुद को साबित करने की कोशिश कर रहे थे और मैंने सोचा कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वो काफी अच्छा कर सकते हैं। वहीं चहल के बारे में भी कोहली ने कहा कि आरसीबी में आने से पहले उन्हें आइपीएल में ज्यादा मौका नहीं मिल रहे थे। वो ऐसे गेंदबाज हैं जो हमेशा गेंद लेना चाहते हैं और चिन्नास्वामी में जो उन्होंने किया वो कमाल का था। उनका करियर वहीं से बदल गया और राहुल व चहल की कहानी ही ऐसी है जिसके बारे में मैं सोच सकता हूं। इन दोनों को मौके मिले और इन्होंने कमाल कर दिखाया।