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बहुचर्चित सृजन घोटालाः कारोबारी प्रणव कुमार घोष को ईडी ने भेजा जेल, 1000 करोड़ का मामला


  1. घोष पर सृजन घोटाले की साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप लगा है. ईडी ने करीब दर्जन भर सबूत घोष के सामने रख कर उनकी बोलती बंद कर दी. 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था.

पटनाः बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भागलपुर के बडे़ कारोबारी प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में कार्रवाई की गई है. प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है.

बताया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पांच अगस्त को पीके घोष को पटना पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद शनिवार की देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आज बेउर जेल भेज दिया गया है. कारोबारी पीके घोष पर सृजन घोटाले की साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप लगा है.

प्रणव घोष ऑडिटर और प्रशासनिक अफसरों के बीच ये तालमेल करवाते थे और सरकारी खजाने की राशि बैंकों से मिलीभगत करके ट्रांसफर भी कराने का काम करते थे. ऐसा कर इन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई. शहर में कई शॉपिंग काम्प्लेक्स खोलकर अपना व्यापार भी खड़ा कर लिया. बताया जा रहा है कि ईडी द्वारा पूर्व से ही गुप्त तरीके से उनकी संपत्ति की जांच की जा रही थी.

जांच में भागलपुर शहर में उनके व उनके नजदीकी रिश्तेदारों के पास बडे़ प्रतिष्ठान मिले हैं. 2020 में इडी ने 14 करोड़ रुपये से अधिक की सृजन की संपत्ति जब्त की थी. संस्था के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत यह कार्रवाई की गई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी ने पीके घोष के पुणे स्थित बंगला को पिछले साल ही जब्त किया था.