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कृषि कानूनों की वापसी के बाद कुंडली बार्डर पर बुझा कैलिफोर्निया चूल्हा,


नई दिल्ली/सोनीपत। कुंडली धरना स्थल पर चल रहा सबसे बड़ा लंगर किसान आंदोलन खत्म होने से पहले ही बंद हो गया है। कैलिफोर्निया चूल्हे के संचालक सामान समेटकर धरना स्थल से चले गए हैं। कैलिफोर्निया के संगठन की मदद से धरनास्थल पर सबसे बड़ा लंगर चल रहा था। जब आंदोलन चरम पर था तब यहां पर रोजाना छह-सात हजार लोगों खाना खिलाया जाता था।

मिली जानकारी के अनुसार, आंदोलन खत्म होने की उम्मीद और कम लोग रह जाने के कारण लंगर को बंद किया गया है। बताया जाता है कि धरना स्थल पर अब बहुत कम प्रदर्शनकारी बचे हैं। अब यहां रोजाना सुबह-शाम 100 लोग ही खाना खाते थे।

कैलिफोर्निया चूल्हे को सात एनआरआई डाक्टर मिलकर चलात थे। इस संगठन में पांच एनआरआई डाक्टर डाक्टर पंजाब के, एक अंबाला हरियाणा का और एक कैलिफोर्निया का डाक्टर शामिल था। संगठन को डा. सोमन सिंह संचालित करते थे। लंगर में खाना खाने वाले प्रदर्शनकारियों ने बताया कि डाक्टरों के इस समूह ने कुंडली और टीकरी बार्डर पर पिछले साल तीन दिसंबर को लंगर लगाया था। लंगर मुफ्त में खिलाया जाता था। लंगर चलाने का खर्चा सातों एनआरआई डाक्टर वहन करते थे। यह लंगर पूरे एक साल चला। दो दिसंबर को कुंडली और टीकरी बार्डर से एक साथ लंगर को बंद कर दिया गया।

आंदोलनकारियों ने बताया कि लंगर में इस साल मार्च तक करीब पांच हजार लोग रोजाना खाना खाते थे। दो माह पहले  तक यहां करीब छह-सात सौ लोग खाना खाते थे। पिछले दो माह से करीब सौ लोग एक टाइम खाते थे। खाना खाने वालों ने बताया कि आंदोलन खत्म होने की उम्मीद और धरना स्थल पर काफी कम संख्या में लोगों के रहने के कारण लंगर को बंद किया गया है। लंगर के संचालक ने गुरुवार को सारा सामान पैक कर ट्रैक में लदवा दिया और धरना स्थल से चले गए।