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कृषि कानूनों पर शरद पवार के सुझाव का कृषि मंत्री ने किया स्वागत, कहा- बातचीत के लिए तैयार


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दोहराया है कि किसान यूनियनों को कृषि क़ानूनों के जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन बिंदुओं पर भारत सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष के वरिष्ठ नेता तथा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कृषि कानूनों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने आगे कहा कि मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है। हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है। केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें।

सरकार के इस निर्णय पर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि शरद पवार ने भारत सरकार को कहा है कि बातचीत होनी चाहिए और समाधान होना चाहिए।कुछ किसान पीछे हटें, कुछ सरकार पीछे हटे और बातचीत से इसका समाधान निकले। सरकार को बात माननी चाहिए।

गुरुवार को शरद पवार ने कहा था कि 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और किसानों तथा केंद्र सरकार के बीच डेडलॉक हो चुका है। वे अभी भी वहीं बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार को किसानों से साथ बात करनी चाहिए। शरद पवार के इस बयान से केंद्र कृषि मंत्री ने उनका समर्थन किया।

गौरतलब है कि शरद पवार भी तत्कालीन यूपीए की सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में मोदी सरकार जिन नए कृषि कानूनों को लेकरआई है उस वक्त भी ऐसे ही कानून यूपीए सरकार भी बनाना चाहती थी। कांग्रेस की ओर से भी ऐसे ही कानूनों को लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन पिछले साल जब मोदी सरकार नए कृषि कानून लेकर आई तो विपक्षी दलों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया।