वाराणसी

कैण्ट के प्रीप्रेड टैक्सी स्टैण्ड पर नियम और मानको की अनदेखी


कैण्ट रेलवे स्टेशन स्थित प्री-प्रेैड टैक्सी स्टैण्ड में बड़ा खेल चल रहा है। कहने को जीआरपी की निगरानी में प्री-प्रेैड टैक्सी बूथ कासंचालन हो रहा है। यहां से चलने वाली गाडिय़ों के कागजात दुरूश्त है और किराया भी निर्धारित है। लेकिन ये सच नहीं है। यहां तो अलग ही व्यवस्था चल रही है। जिस नम्बर की टैक्सी बूथ के डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज है उस नम्बर की कार अनफिट है यानी किकार के फिटनेस एवं डाक्यूमेंट से रेलवे प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है। पैसा दो अन्दर आओ, सवारी भरो और खिसक लो वाला हिसाब चल रहा है।
बिना सत्यापन दौड़ रही है कारें
प्री-प्रेड से टैक्सी संचालित कराने वाला कौन है? कब उसका फिटनेस हुआ है। इसके जीआरपी का कोई लेना देना नहीं है। यही नहीं पैंसेजर बैठाने वाला टैक्सी डाईवर या मालिक कौन हैं? उसके पास आरसी और डीएल है या नहीं? ड्राइवर का सत्यापन हुआ है या नहीं? येपूछले वाला भी कोई नहीं है। किस टैक्सी नम्बर पर किस व्यक्ति ने बुकिंग कराकर सफर किया। पैसेजर को कहा जाना है और कितना किराया दिया? ये भी रिकार्ड यहां नहीं मिलेगा। इसी का नतीजा है कि यहां से रवाना होने वाले वाहन अक्सर बीच रास्ते में खराब हो जाते है या दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है। यही नहीं पैसेजर्स के साथ आयेदिन दुव्र्यवहार और ओवर चार्जिग भी की जाती है।
रजिस्टर्ड के आड़ में मनमानी
के लिए सर्कुलेटिंग एरिया में रेलवे ने एयरपोर्ट की तर्ज पर दस साल पहले प्री-प्रेड टैक्सी बूथ शुरू किया था। बूथ के संचालन की जिम्मेदारी जीआरपी को सौपी गयी। लेकिन यहां से संचालित होने वाली टैक्सी के रजिस्ट्रेशन का जिम्मा कमर्शियल विभाग को दिया गया है। शुरूआत के एक साल तो स्थिति ठीक रही लेकिन इसके बाद से टैक्सी मालिक यहां बिना रजिस्ट्रेशन कराये ही सुविधा शुल्क देकर यात्रियों को होने लोग है। ये सिलसिला अब भी जारी है। वर्तमान समय में ५५ टैक्सी यहां है।लेकिन इससे कही ज्यादा टैक्सी सवारियां भरती है। इसके बदले हर महीने सुविधा शुल्क देना पड़ता है।
खतरे में यात्रियों की जान
वाहन को टूल बनाकर आतंकी अपने मंसूबे को यहां अंजाम दे चुके है। कैण्ट स्टेशन की सुरक्षा कोलेकर स्थानीय प्रशासन इससे बेखबर है। अगर यात्रियों कीचिन्ता होती तो आयेदिन यहां से बुक होने वाली कार से घटना से घटना न होती। अनफिट होने के चलते वह बीच रास्ते में बिगड़ती भी है। कुल मिलाकर बिनाकर किसी रोक टोक यहां से गाडिय़ों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। बदले में मोटी रकम वसूली जा रही है। भले यात्री की जान चली जाये।