पटना

कैमूर में रोजगार का माध्यम बना मनरेगा : श्रवण


काम के साथ टीकाकरण को लेकर मजदूरों को प्रेरित कर रहा है विभाग

(आज समाचार सेवा)

पटना। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि कोरोना संकट काल में कैमूर जिला मे मजदूरों के लिए रोजगार का साधन बना हुआ है। उन्हें काम के साथ साथ टीकाकरण के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि  कोरोना संक्रमण के चलते राज्य के बाहर से एवं बिहार में लागू लॉकडाउन के चलते राज्य के ही अन्य जिलों के खासकर शहरी क्षेत्रों से कैमूर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में लौटे लोगों को व्यापक तौर पर रोजगार उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा योजनाओं में काम करने के इच्छुक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु अधिक से अधिक योजनाओं पर काम चल रहा है तथा मनरेगा में काम करने के इच्छुक जॉबकार्ड विहीन लोगों को अविलम्ब जॉबकार्ड उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।

कैमूर जिला में मनरेगा योजनाओं की प्रगति की चर्चा के दौरान मंत्री ने बताया कि कैमूर जिला के 11 प्रखंडों के 149 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में लगभग 12 हजार मनरेगा योजनाओं पर काम चल रहा है। कैमूर जिला में कुल 53 हजार 988 योजनाऍ मनरेगा से प्रारम्भ किये गये थे जिसमें से 42 हजार 58 योजनाऍ पूर्ण हो चुकी है एवं योजना पूर्णता का प्रतिशत लगभग 78 प्रतिशत है। मानव दिवस की चर्चा करते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि वर्त्तमान वित्तीय वर्ष में अबतक 4 लाख 25 हजार से अधिक मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है।

प्रखण्डवार मानव दिवस की बात की जाय तो भभुआ प्रखण्ड में लगभग 80 हजार मानव दिवस, अघौरा प्रखण्ड में 71 हजार 490 मानव दिवस, मोहनिया प्रखण्ड में 61 हजार मानव दिवस, चैनपुर प्रखण्ड में 42 हजार 715 मानव दिवस, रामपुर प्रखण्ड में 40 हजार 319 मानव दिवस, कुदरा प्रखण्ड में 39 हजार मानव दिवस, नुआंव प्रखण्ड में 34 हजार 211 मानव दिवस, भगवानपुर प्रखण्ड में 24 हजार मानव दिवस, रामगढ़ प्रखण्ड में 17 हजार मानव दिवस, चाँद प्रखण्ड में 8 हजार 294 मानव दिवस एवं दुर्गावती प्रखण्ड में 6 हजार 776 मानव दिवस सृजित हुए हैं।

उन्होंने  बताया कि विगत कई वर्षों से बिहार राज्य में हरियाली का आच्छादन बढ़ाने के लिये पौधारोपन एवं जल संरक्षण, सूक्ष्म सिंचाई, परंपरागत जल स्त्रोत के पुनरूद्धार आदि योजनाओं पर काफी जोर दे रही है। उन्होंने बताया कि कैमूर जिला में जल संरक्षण की 149 योजनाऍ, सूक्ष्म सिंचाई की 410 योजनाऍ, परंपरागत जल स्त्रोतों के पुनरूद्धार की 384 योजनाऍ एवं खेत पोखर की 224 योजनाऍ सहित कुल 1 हजार 935 योजनाऍ पर काम चल रहा है।

कैमूर जिला में मनरेगा योजना से कुल 29 ऑगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण का लक्ष्य है जिसमें से दो योजनाऍ पूर्ण हो चुका है, 20 योजनाओं पर काम चल रहा है तथा 7 पर कार्य प्रारम्भ होना शेष है। कैमूर जिला में मनरेगा योजना में व्यय की गयी राशि के बारे में विभागीय मंत्री ने बताया कि जिला में अकुशल मजदूरी मद में 9 करोड़ 50 लाख रूपये एवं सामग्री मद में 3 करोड़ 45 लाख रूपये मिलाकर कुल लगभग 12 करोड़ 95 लाख रूपये व्यय किया गया है।

कोरोना संक्रमण की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्री कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा मनरेगा योजना में कार्यरत मजदूरों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सभी सावधानियॉ बरतने हेतु दिशा-निर्देंश विभाग द्वारा भेजे गये हैं। जिसमें कार्यस्थल पर सभी मजदूरों को सामाजिक दूरी बनाये रखने हेतु आपस में 2 गज की दूरी बनाये रखना, मास्क/गमछा/तौलिया से मुँह/नाक को ढ़ॅककर रखना, हाथ धोने हेतु पानी, साबुन एवं सेनेटाईजर उपलब्ध कराना, खैनी/तम्बाकू का प्रयोग वर्जित करना, खाद्य सामग्री की आदान-प्रदान नहीं करना, टीकाकरण हेतु मजदूरों को प्रोत्साहित करना आदि शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीण विकास विभाग लगातार प्रयासरत है।