- केंद्र सरकार ने सोमवार को कोविड-19 उपचार के लिए नैदानिक परामर्श में संशोधन किया और मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया। सरकार ने पाया कि कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद साबित नहीं हुई।
कोविड-19 के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल-आईसीएमआर की पिछली सप्ताह हुई बैठक के दौरान सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटाने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सरकार का यह निर्णय सामने आया है। प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्रभावी नहीं पाया गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने कहा कि कार्य बल ने व्यस्क कोविड-19 मरीजों के लिए उपचार संबंधी नैदानिक परामर्श में संशोधन करते हुए प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया।
उल्लेखनीय है कि कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन को देश में कोविड-19 उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को तर्कहीन और गैर-वैज्ञानिक उपयोग करार देते हुए आगाह किया था।