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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से की ये मांग


  • नई दिल्‍ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि महामारी की संभावित तीसरी लहर की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार को बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) के खिलाफ अधिक से अधिक टीके खरीदने चाहिए।

सिसोदिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्‍होंने एक समाचार लेख साझा किया है, जिसमें अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने अपने कोविड-19 टीकों का परीक्षण 12 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के एक बड़े समूह पर किया है।

अखबार की रिपोर्ट को साझा करते हुए, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, “दुनिया ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों पर काम करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार को हमारे बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक टीकों की खरीद के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करना चाहिए।”

वर्तमान में केवल 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को भारत में कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया जा रहा है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने विशेषज्ञों की राय का हवाला देते हुए कि 12 साल से कम उम्र के लोगों में कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर के दौरान वायरस का खतरा बढ़ जाता है।

दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने हाल ही में भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के परीक्षण के लिए 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू की है। एम्स पटना ने पहले ही स्क्रीनिंग प्रक्रिया शुरू कर दी थी ताकि यह देखा जा सके कि भारत बायोटेक जैब बच्चों के लिए उपयुक्त है या नहीं। भारत के ड्रग रेगुलेटर, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 मई को 2 से 18 वर्ष की आयु में कोवैक्सिन के चरण 2/3 क्लिनिकल परीक्षण के संचालन की अनुमति दी।