पटना

सिलाव: कोरोना महामारी में भी राजकीय औषधालय बंद रहने से लाखों की दवा हो रही बर्बाद


सिलाव (नालंदा) (संसू)। सिलाव के हैदरगंज कड़ाह में 35 लाख की लागत से वने राजकीय औषधालय 10 बर्ष बीत जाने के बावजूद भी यह चालु नहीं हो सका। कुछ महीनों पहले इस औषधालय में डॉ॰ रईश इमाम का पदस्थापन किया गया था। मगर वे वहां नहीं जाते हैं। सरकार द्वारा इस औषधालय को लाखों की दवा उपलब्ध कराया गया है, मगर डाक्टर नहीं जाने के कारण लाखों की दवा बर्बाद हो रही है।

एक तरफ कोरोना काल में  दवा नहीं मिल रही है वहीं दूसरी तरफ लाखों की दवायें बर्बाद हो रही है। यहां औषधालय धीरे-धीरे जुआ का अड्डा बन गया है। गांव के मो. गजनी, मो. अब्दुल्ला, मो. गुड्डू, मो. एजाज, मो. ग्यासउद्दीन ने बताया कि यह औषधालय 2011 में बन कर तैयार हो गया था। उसके बाद कोई भी यहां डॉक्टर या नर्स नहीं आये। कुछ महीने पहले गांव के लेागों द्वारा मुख्यमंत्री और फिर जिलाधिकारी को आवेदन दिय गया तो कुछ दिन आये उसके कुछ दिन बाद वे आना बंद कर दिये।

अब यह औषधालय एक खंडहर बनता जा रहा है। अब तो लोग इस औषधालय में जुआ भी खेलने लगे है। जब यह औषधालय बन रहा था तो लोग बहुत खुश थे कि अब गांव में हीं इलाज होगा। खासकर गर्भवती महिला को सिलाव स्वास्थ्य केंद्र टीका लेने के लिए सिलाव आना पड़ता है, वे इस परेशानी से बच जायेंगी।

लेकिन निर्माण के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसे चालू किया जा सका। इस कोरोना जैसे महामारी में लोग दवा के लिए परेशान है। वहंी इस औषधाालय में लाखों का दवा बर्बाद हो रहा है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। इस संबंध में स्वास्थ्य प्रबंधन विपिन कुमार ने कहा कि हमें पता चला है कि वहां दवाई रखा है, उसे सिलाव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंगलवा लेते है।