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कोविड के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद, सासाराम में बवाल, छात्रों ने की तोड़फोड़, आगजनी और पथराव, कई पुलिसकर्मी घायल,


पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर को देखते हुए बिहार सरकार के तमाम निजी और सरकारी को बंद करने के आदेश दिया है।

इसके बाद पटना में कोचिंग संचालकों ने रविवार को बैठक कर सरकार के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी। कोचिंग संचालकों ने ऐलान कर दिया था कि सरकार का फैसला नहीं मानने वाले, लेकिन अब कोचिंग संचालकों ने सरकार के फैसले के विरोध में छात्रों को आगे कर दिया है। सरकार के आदेश के विरोध में सासाराम में हजारों की संख्या में आए छात्र सड़क पर उतर आए।

छात्रों ने सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों को बंद किए जाने का विरोध करते हुए कलेक्ट्रेट तथा पोस्ट ऑफिस चौराहा पर जबर्दस्त तोड़फोड़ आगजनी और पथराव किया। नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी को खदेडे जाने के बाद शहर में सड़कों पर आगजनी और रोडे़बाजी के बीच बने माहौल में पूरा बाजार बंद हो गया। हंगामा कर रहे छात्रों ने पुलिस की गाड़ियों पर भी हमला किया।

नगर थाने की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। पूरी सड़क पर ईंट और रोडे़ बिखर गए हैं। स्थिति बिगड़ने के बाद बड़ी तादाद में पुलिस बलों को सड़क पर उतारा गया। साथ ही नौ उपद्रवियों को गिरफ्तार करने की सूचना भी मिल रही है। उपद्रवियों ने कई सरकारी भवनों और स्‍मारकों को भी नुकसान पहुंचाया है। नगर थानेदार सहित कई पुलिसकर्मी इस हिंसा में घायल हो गए हैं।

इस दौरान छात्रों ने गौरक्षणी मुहल्ले में कई वाहनों के शीशे भी तोड़ डाले। इसके बाद सभी छात्र जिला समाहरणालय और कोर्ट के बाहर पहुंचकर वहां भी उपद्रव किया। उपद्रवियों को हटाने को लेकर पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस ने उपद्रवी छात्रों को पीछे धकेलने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घटनास्थल पर डीएम और एसपी पहुंचकर तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। घटना से शहर में अफरा तफरी और तनावपूर्ण माहौल है। घटना को देखते हुए शहर की दुकानें बंद कर दी गई है। भारी संख्या में पहुंची पुलिस छात्रों को शांत कराने का काम कर रही है, लेकिन छात्रों का सीधा आरोप है कि सिनेमा हॉल, मंदिर, मॉल, सार्वजनिक भीड़भाड़ वाले जगहों पर क्या कोरोना नहीं फैलेगा? जिस तरीके से जानबूझकर के सिर्फ कोचिंग वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है, इससे छात्रों का भविष्य अधर में अटक गया है।

सरकार का यह फैसला सही नहीं है। ऐसे में हजारों की संख्या में आए छात्र इसका भारी विरोध कर रहे हैं। फिलहाल छात्रों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। वहीं, रोहतास के डीएम ने कहा है कि सरकार के फैसले को सभी को मानना होगा। कोरोना वायरस से बचने के लिए अगर गाइडलाइन जारी की गई है तो इसका विरोध ठीक नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ कोचिंग संस्थान सामने आए बगैर छात्रों का इस्तेमाल कर सरकार के फैसले का विरोध करवा रहे हैं। यहां बता दें कि बिहार सरकार ने कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को आगामी 11 अप्रैल तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं. बिहार के कई निजी कोचिंग संचालक इसका विरोध कर रहे हैं।

उनका कहना है कि सरकार जब मॉल और सिनेमा हॉल नहीं बंद करा रही है तो केवल कोचिंग ही क्‍यों बंद कराया जा रहा है? कोचिंग बंद कराए जाने से छात्रों का शैक्षणिक भविष्‍य चौपट हो जाएगा। अभी परीक्षाओं का दौर चल रहा है। ऐसे में कोचिंग को सभी सावधानियों का पालन करते हुए खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए।