स्वास्थ्य मंत्री ने वैज्ञानिकों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, कि हमारे वैज्ञानिकों ने बेहतर कार्य किया है और उन्होंने 24 घंटे परिश्रम करते हुए हमें दो वैक्सीन दिए जिन्हें भारत में बनाया गया और इन्हें देश में आपात उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है. भारत में विश्व में सबसे बड़ा टीकाकरण (Vaccine) अभियान जारी है और तेज गति से आगे बढ़ रहा है तथा अब तक एक करोड़ से अधिक डोज़ दी गई हैं. उन्होंने कहा कि भारत को अक्सर विश्व की फार्मेसी कहा जाता रहा है. लेकिन अब वह कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के विनिर्माण का विश्व में बड़ा केन्द्र बनकर उभर रहा है.
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) के प्रबंधन के लिए पूरा ध्यान देकर हमारी सरकार ने अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं आने दी. इस बारे में विभिन्न नीतिगत हस्तक्षेपों और टेली-मेडिसिन सेवा जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग ने प्रमुख भूमिका निभाई. हमारे ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म ने कम अवधि में 10 लाख डॉक्टर-रोगी परामर्श रिकॉर्ड किए.केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (PM-JAY) तथा आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (Atamnirbhar Swasth Bharat Yojana) जैसे दूरगामी कार्यक्रमों के जरिए अब हम अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था की नीतियों में सकारात्मक परिवर्तन कर रहे हैं. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, नर्सिंग आयोग विधेयक और संबंधित स्वास्थ्यकर्मी पेशेवर राष्ट्रीय आयोग विधेयक से नई सोच को आकार मिल रहा है.