शख्स ने कहा-नहीं करता कोई परवाह
स्काट टेलर ने अपने दोस्त को लिखे अंतिम संदेश में कहा, ‘कोई परवाह नहीं करता है। किसी के पास सुनने के लिए समय नहीं है। मैं पूरी तरह से थकावट और दर्द से परेशान हूं। मैं काफी मुश्किल से अपना काम कर पा रहा हूं। मुझे पता नहीं है कि मैं क्या कह रहा हूं।’ बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है। हालांकि पीड़ितों में आत्महत्या की संख्या पर कोई आधिकारिक डेटा मौजूद नहीं है। U.S. National Institutes of Health और Britain’s Data Collection Agency ने इन मौतों पर अध्ययन करना शुरू किया है।
गंभीरता से लेने की जरूरत
माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के मनोचिकित्सक लियो शेर ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि लंबे समय तक कोविड से परेशान रहने पर लोगों के अंदर आत्महत्या के प्रयासों और आत्महत्या की योजना जैसे विचार आने लगते हैं। हमारे पास इससे संबंधित आंकड़े नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।’ University of Washington’s Institute for Health Metrics and Evaluation (IHME) के अनुसार, कोविड रोगी समय के साथ ठीक हो जाते हैं। करीब 15% अभी भी 12 महीनों के बाद भी लक्षणों का अनुभव करते हैं। इसका कोई गारंटी इलाज नहीं है।