खेल

क्या खत्म होगा ४३ साल का सूखा


टीम इण्डियाके लिए सुखद नहीं रहीं है सिडनीकी यादें, १९७८ में आस्ट्रेलिया पर मिली है एकमात्र जीत
सिडनी (एजेन्सियां)। मौजूदा दौरे में टीम इंडिया को अब सिडनी में आस्ट्रेलिया की चुनौती का सामना करना है। मेलबर्न टेस्ट में मेजबान टीम को धूल चटा चुकी टीम इंडिया ने शृंखला को १-१ से बराबरी पर ला खड़ा किया। नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रहाणे ब्रिगेड तीसरे टेस्ट के लिए तैयार हो रही है। गुरुवार से शुरू हो रहे मुकाबले से पहले सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर भारतीय टीम के रेकार्ड पर नजर डालते हैं तो हम पाते है कि यहां की यादे टीम इण्डिया के लिए सुखद नही रही हैं। इससे पहले तक यहां (१९४७-२०१९) भारत ने आस्ट्रेलिया का १२ टेस्ट मैचों में सामना किया है। इस दौरान भारतीय टीम को सिर्फ एक टेस्ट में जीत मिली। उसने पांच टेस्ट गंवाये, जबकि छह मैच ड्रा रहे। जाहिर है सिडनी में भारत का रेकार्ड अच्छा नहीं है। इस मैदान पर भारतीय टीम को एकमात्र जीत १९७८ में मिली थी, जब बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में उसने आस्ट्रेलिया को पारी ओर दो रनों से मात दी थी। संयोग की बात वह टेस्ट भी सात जनवरी से ही खेला गया था। सिडनी में ४३ साल पहले मिली उस जीत की खास बात यह है कि आस्ट्रेलिया की धरती पर भारतीय टीम की अब तक की यह सबसे बड़ी जीत (पारी के लिहाज से) है। अब देखना है कि भारतीय टीम सिडनी में जीत के सूखे से निबटने में कामयाब होगी या नहीं। सिडनी के बाद १५ जनवरी से ब्रिस्बेन में शृंखला का आखिरी और चौथा टेस्ट खेला जाना है। भारतीय टीम शृंखला जीतने में कामयाब रही तो बार्डर-गावसकर ट्राफी जीत की हैटट्रिक लगाने में वह सफल होगी। भारत ने पिछली दोनों शृंखला जीतकर बार्डर-गावसकर ट्राफी पर कब्जा किया था। २०१८-१९ में पिछले आस्ट्रेलिया दौरे में भारत ने २-१ से और इससे पहले २०१६-१७ में भारत ने अपने घर में आस्ट्रेलिया को इतने ही अंतर से मात दी थी।