- टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) खेलों के लिए इस बार कई फ्रीस्टाइल पहलवानों ने क्वालिफाई किया है लेकिन कोई भी ग्रीको रोमन रेसलर (Greco Roman Wrestler) क्वालिफाई नहीं कर पाया. इसका खामियाजा नेशनल कोच को भुगतना पड़ा जिनका करार खत्म होने से पहले ही उन्हें कैंप से बाहर कर दिया गया. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने शुक्रवार को खुद इस बात की घोषणा की कि उसने जार्जिया के कुश्ती कोच टेमो कजाराशविली को प्रदर्शन नहीं दिखाने के लिये कार्य मुक्त कर दिया है. भारत ने सोनीपत में राष्ट्रीय शिविर में देश के ग्रीको रोमन पहलवानों को ट्रेनिंग देने के लिये फरवरी 2019 में टेमो को ओलंपिक तक नियुक्त किया था.
चार पुरुष फ्री स्टाइल पहलवानों और इतनी ही महिला पहलवानों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया है लेकिन देश को ग्रीको रोमन वर्ग में एक भी कोटा नहीं मिला. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने एक बयान में कहा, ‘किसी भी भारतीय ग्रीको रोमन पहलवान ने ओलिंपिक खेलों के लिये क्वालिफाई नहीं किया है जिससे साई ने विदेशी कोच टेमो कजाराशविली को उनके अनुबंध से कार्य मुक्त कर दिया है.’
नतीजे न मिलने पर किया गया फैसला
इसके अनुसार, ‘यह फैसला भारतीय कुश्ती महासंघ की सिफारिशों के बाद लिया गया है. उनका साइ से अनुबंध फरवरी 2019 से लेकर ओलिंपिक तक था.’ भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें विशेषकर ओलिंपिक के लिये ही नियुक्त किया था लेकिन कोई नतीजे नहीं मिले. उनका अनुबंध इस साल अगस्त तक था लेकिन तब तक कोई राष्ट्रीय शिविर ही नहीं है तो वह अब क्या करते जब ध्यान टोक्यो ओलिंपिक पर लगा हुआ है इसलिये हमने साइ को बताया कि उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है.’