वाराणसी

ग्राम पंचायत भवनोंको सचिवालयके रूपमें करें विकसित


मण्डलयुक्त दीपक अग्रवाल ने की मण्डलीय कार्योंकी समीक्षा
मण्डलायुक्त ने पंचायत भवनों को ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित करने पर जोर दिया है। जिससे गांव स्तर से सुलभ हो सड़के वाली सभी सुविधाएं ग्रामीणों को गांव में मिल सके। मण्डलायुक्त दीपक अग्रवाल को आयुक्त सभागारमें मण्डलीय विकास कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। ..बेसिक शिक्षा की समीक्षा में उन्होंने निर्देशित किया कि स्कूलों में नामांकित समस्त छात्र पढ़ाई की किसी न किसी माध्यम यथा.ऑनलाइन, ऑफलाइन, मोहल्ला क्लास आदि से अवश्य कबर होना चाहिए। मंडल में वल्र्ड फ्लू का कोई के संज्ञान में नहीं है। फि र भी शासन के निर्देशों के अनुरूप पशुपालन विभाग पोल्ट्री फार्म आदि के साथ समन्वय बैठक कर समस्त एहतियाती कदम उठाने की काररवाई करें। निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों का सतत निरीक्षण किया जाए। सर्दी से बचाव के समुचित इंतजाम रखें। मत्स्य पालन इनकम ग्रोथ का कृषि के अन्य आयामों के सापेक्ष बहुत अच्छा स्रोत है। यहां इसकी मार्केटिंग भी सुलभ है। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करें। मत्स्य बीज उत्पादन अच्छा व्यवसाय है। मंडल में इस वर्ष २३१ नए पंचायत भवन बन चुके हैं तथा लगभग १७०० निर्माणाधीन है। कमिश्नर ने पंचायत भवनों को ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि गांव स्तर से सुलभ हो सकने वाली सभी सुविधाएं यथा.जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, खतौनी नकल, परिवार रजिस्टर नकल, पेंशन आवेदन कार्यवाही आदि दी जाए, ताकि लोगों को ब्लॉक, तहसील, जिला पर नहीं जाना पड़े। जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने बताया कि सेवापुरी ब्लाक में यह कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं में मंडल में ११५०२३ आवेदन पत्र प्राप्त हुए। जिनमे श्रमिकों को १९ करोड़ ५० लाख रुपए की धनराशि की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। मण्डलायुक्त ने हर पात्र व्यक्ति को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराकर आयुष्मान भारत में अच्छादित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण में इस वर्ष मंडल में ५३५६ आवास स्वीकृत हुए। जिस पर ६५०९.५० लाख रुपए में होंगे। अब तक ४०६३.३२ लाख रुपए शासन से मुक्त भी हो चुके हैं। कन्या सुमंगला योजना में मंडल में ५३२५ लाभार्थियों को ५ करोड़ ४२ लाख रुपए से लाभान्वित किया जा चुका है। इस वर्ष मंडल में ४६९२ सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं। जिसमें २९५४ बन चुके हैं, शेष निर्माणाधीन है। कमिश्नर ने इन शौचालयों को वाईविल रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया। ग्रामीण स्तर पर बन रहे हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर को प्रभावी रूप से संचालित करें। समस्त प्रकार की दवाई रहे। ताकि सामान्य, सिजनल,नान गंभीर बीमारियों को छोड़कर उनकी चिकित्सा वही हो जाए। इससे सीएससीए पीएससी व जिला स्तर पर मरीजों का लोड कम हो जाएगा। व्यक्ति को गांव में दवाई मिल जाएगी। मंडल में सड़कों को छोड़कर ५० लाख रुपये से अधिक की ४०३ परियोजनाएं जिनकी लागत ४९६१ करोड़ रुपए की क्रियान्वित है। शासन द्वारा २६७६ करोड रुपए अवमुक्त भी कर दिए गए हैं १५८ परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है। कमिश्नर ने ऐसे निर्माण कार्य जहां लिंटर व स्लैब पङते हैं विशेषत: पुल व भवन में सेफ्टी मेजर को पूरे मानक से अपनाने पर जोर दिया। गुणवत्ता बराबर देखें। अधिकारियों को जो जांच निरीक्षण सौपे गए हैं उनकी जांच कर रिपोर्ट दें। जिलाधिकारी अपने जिलों में ५० लाख रुपये से छोटे कार्य की थर्ड पार्टी अंतरविभागीय जांच करा ले। बैठक में बाल विकास पुष्टाहार, ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, ग्राम्य विकास आदि के कार्यों की समीक्षा हुई। बैठक में जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी जौनपुर, जिलाधिकारी चंदौली सहित अन्य विभागीय अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।