रामनगर। घनी आबादी के बीच पड़ाव-रामनगर मार्ग के किनारे वन विभाग के कार्यालय के समीप लंबे चौड़े कृषि भूमि वाले क्षेत्रफल में खोली गयी कोयला मंडी से लोग बाग बेहाल है। नागरिकों के भारी विरोध के बावजूद आज तक जिला प्रशासन इस मंडी को बंद कराने के विषय में कोई निर्णय नहीं ले सका। इस मुद्दे को लेकर प्रशासन का ध्यान कई बार आकृष्ट करने का प्रयास किया लेकिन अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगा। बस इतना ही इस संबंध में देखने को मिला कि कुछ राजनीतिज्ञों की शिकायत पर पुलिस वहां पहुंच कर सिर्फ फर्ज अदायगी करके वापस लौट गयी। कोयला मंडी में बड़े पैमाने पर कोयले का भंडारण होने से बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। हवा में उडऩे वाली कड़े लोगों के आंख और नाक को प्रभावित करने लगी है। लोग इस मंडी को यहां से हटाने की मांग करने लगे हैं। नागरिकों ने जिला प्रशासन से तत्काल मंडी को बंद कराने और वहां से बड़े पैमाने पर किये गये कोयले के भंडारण को हटाने की मांग की है। कानपुर के एक व्यवसायी ने जिसकी मंडी चंदासी में चल रही थी। उसने यहां पर सड़क के किनारे कृषि भूमि का एक बड़ा क्षेत्रफल वाला भाग किराये पर लेकर वहां बिना जिला प्रशासन की अनुमति के और अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल किये ही कोयला मंडी खोल दिया। जहां बड़े पैमाने पर कोयले का भंडारण किया जा रहा है। घनी आबादी के बीच खुली कोयला मंडी में जब बड़े पैमाने पर कोयले का भंडारण किया जाने लगा तो इसको लेकर पिछले माह पालिका बोर्ड की हुई बैठक में पालिका के सदस्यों ने सबसे पहले जोर शोर से आवाजें उठायी। उन्होंने इसको बंद कराने के लिए पालिका के कार्यकारी अधिशासी अधिकारी एवं अपर नगर मजिस्ट्रेट पंचम को पत्रक भी दिया है।