सम्पादकीय

घातक न हो जाय प्रतिबंध हटाना


डा. जयंतीलाल भंडारी 

देशके विभिन्न राज्योंमें कोरोनाकी दूसरी घातक लहरको रोकनेके लिए अप्रैल और मई २०२१ में स्थानीय स्तरपर उपयुक्तताके अनुरूप लाकडाउन लगाये गये हैं। अब विभिन्न प्रदेशोंके विभिन्न क्षेत्रोंमें चरणबद्ध तरीकेसे लाकडाउन खोला जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। ऐसेमें अब अनलॅक करनेकी प्रक्रिया बहुत सावधानीके साथ आगे बढ़ायी जानी होगी। चूंकि अभी कोरोनाका खतरा बना हुआ है, अतएव अनलाककी ऐसी रणनीति जरूरी है जिससे कोरोनाको पूरी तरह मात दी जा सके और इस बहुरूपिये वायरसकी वापसीके दरवाजे पूरी तरह बंद किये जा सकें। दुनियामें लाकडाउनके बाद अनलॉककी प्रक्रियाके तहत वैज्ञानिकों और अर्थविशेषज्ञोंके द्वारा आदर्श माने जा रहे अमेरिकी राज्य न्यू हैंपशायर सहित विभिन्न देशोंमें जो रणनीतियां अपनायी हैं, उन्हें देशके विभिन्न राज्योंमें अनलाक करते समय स्थानीय जरूरतोंके साथ ध्यानमें अवश्य रखा जाना लाभप्रद हो सकता है। अब देशके विभिन्न राज्योंमें अनलाककी प्रक्रियामें उद्योग-कारोबार और अर्थव्यवस्थाको रफ्तार देनेके लिए रणनीतिपूर्वक बाजार खोले जाने होंगे। उद्योग-कारोबारको अनलॉक करनेके पहले चरणमें जहां एक ओर बंद पड़े कारखानों और निर्माण गतिविधियोंको चालू करनेकी छूट दी जानी होगी, वहीं आगामी दो माह तक दुकानें और कारोबार छहसे आठ घंटेके लिए खोले जाने उपयुक्त रहेंगे। शनिवार और रविवारको पूर्णतया जनता कफ्र्यू रहे। होटल और रेस्टोरेंटको सिर्फ अग्रिम बुकिंगपर खुली जगहमें सीमित संख्यामें ग्राहकोंको खाना परोसनेकी इजाजत दी जाय।

अभी जिम, सिनेमा और पर्यटन जैसे कारोबारोंको अनलाक नहीं किया जाय। नि:संदेह उद्यमियों और कारोबारियोंको यह ध्यान रखना होगा कि शहर खुलते ही बाजारोंमें भीड़ बढ़ेगी, अतएव दुकानोंपर आनेवाले ग्राहकोंके लिए मास्क पहननेके साथ दो गजकी दूरी बनाकर रखे जानेकी अनिवार्यता हो। साथ ही जहां दुकानदारके लिए मास्क पहननेके साथ वैक्सीनका प्रमाणपत्र अनिवार्य हो। उद्योग-कारोबार संघटनोंके द्वारा कर्मचारियोंको टीका लगवानेके लिए विशेष प्रबंध सुनिश्चित करने होंगे। श्रमिकोंको रोजगारके साथ टीकाकरणकी सुविधा सुनिश्चित की जानी होगी। एक बार फिर कोरोना महामारी नियंत्रणके लिए सेंपलिंगपर जोर दिया जाना होगा। पांच फीसदीसे कम संक्रमण दरवाले क्षेत्रोंपर ध्यान केंद्रित करना होगा। विश्व स्वास्थ्य संघटनके मुताबिक महामारी तभी नियंत्रित मानी जायगी, जब दो सप्ताहसे ज्यादा वक्ततक संक्रमण दर पांच फीसदीसे कम रहे। माइक्रो कंटेनमेंटकी रणनीति अपनाकर लोगोंको किसी नये लाकडाउनसे बचाया जा सकेगा। वार्ड मैनेजमेंटके जरिये हर संक्रमितकी निगरानी रखी जानी होगी। स्कूलों-कालेजोंमें टीचर-स्टाफको कोरोना वैक्सीन लगाये जाने सुनिश्चित किये जायं, ताकि स्कूल-कालेज खोलनेकी तैयारी शुरू की जाय। स्कूल-कालेजोंको दो माह बाद शुरू किया जाय और शुरुआतमें स्टूडेंटको ५० फीसदी क्षमताके आधारपर बुलाया जाय। चूंकि अब भी लोग टीकाकरणसे हिचक रहे हैं, अतएव सरकारके साथ सामाजिक कार्यकर्ताओंकी जिम्मेदारी बन गयी है कि वह वैक्सीनके लिए लोगोंको प्रेरित करें और वैक्सीनेशन प्रक्रियामें हरसंभव मदद करें। कमजोर समूहोंका हरसंभव टीकाकरण हो तथा प्रतिबंधों एवं लाकडाउनमें ढील देते समय यह महत्वपूर्ण आधार रहे। सबसे कमजोर आबादी समूहमें तेज टीकाकरणकी जरूरत है ताकि संक्रमणकी रफ्तार बढऩेके बावजूद मौतें कमसे कम हों। जीवन बचाने और कोरोना महामारीको हरानेमें वैक्सीनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

टीकाकरणको और अधिक सुनियोजित ढंगसे किया जाना होगा। संक्रमण खत्म करनेसे आशय शत-प्रतिशत लोगोंके टीकाकरणसे नहीं है, बल्कि एक लक्ष्यके साथ लोगोंमें प्रतिरोधी क्षमता विकसित करना भी है। टीकाकरणकी सफलताके मद्देनजर दुनियामें ब्राजीलके सेराना शहरकी भी मिसाल दी जा रही है। सेरानामें ७५ फीसदी आबादीको वैक्सीनकी दोनों डोज दिये जानेपर कोरोनासे होनेवाली मौतें ९५ फीसदी कम हो गयीं। अस्पतालोंमें भर्ती होनेवालोंकी संख्यामें ८६ फीसदीकी कमी आयी और मरीजोंकी संख्यामें ८० फीसदीकी गिरावट दर्ज हुई। कोरोनाके मद्देनजर डाक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफके लिए विशेष वेकैंसी निकाली जाय और शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित की जानी होगी। सरकारी और निजी क्षेत्रके कर्मचारियोंको वेतन तभी दिया जाय, जब वह वैक्सीनेशनका सर्टिफिकेट उपलब्ध करवायें। जबतक विभिन्न प्रदेश हर्ड इम्युनिटी हासिल करनेके करीब नहीं पहुंच जाते, तबतक सार्वजनिक स्थलोंपर मास्क पहनना, दो मीटरकी सामाजिक दूरी बनाना, समय-समयपर साबुनसे हाथ धोते रहना और भीड़ जुटानेसे बचने जैसी जरूरतोंके लिए लगातार जन-जागरण करना होगा। साथ ही कोरोनाके दिशा-निर्देशोंका उल्लंघन करनेवालोंपर प्रभावी रूपसे जुर्माना लगाना होगा। विभिन्न राज्योंमें सार्वजनिक परिवहनके तहत कोरोना दिशा-निर्देशोंका पालन कठोरतापूर्वक कराना होगा।

सरकारके द्वारा टीकाकरणकी पूरी सुविधा उपलब्ध कराये जानेके बाद सिर्फ उन्हीं लोगोंको सार्वजनिक कार्यक्रमोंमें शामिल होनेकी छूट दी जानी होगी, जिन्होंने टीका लगवा लिया है। पार्टीमें शामिल होनेके लिए कोरोनाकी नेगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन कार्ड दिखाना अनिवार्य किया जाना होगा। चूंकि लाकडाउन हटनेके बाद लोग अपने कामोंके लिए बड़ी संख्यामें सरकारी दफ्तरोंकी ओर जाते हुए दिखाई देंगे, ऐसेमें लोगोंकी यह भीड़ कोरोना संक्रमणकी बड़ी वजह बन सकती है। इसलिए अब ई-गवर्नेंसकी व्यवस्थाको और प्रभावी बनाना होगा। अधिक सरकारी कार्योंको आनलाइन प्लेटफार्मपर लाना होगा। चूंकि अब भी देशमें कोरोना महामारीकी तीसरी लहर आनेकी आशंका जाहिर की जा रही है, अतएव कोरोना प्रभावित राज्योंके साथ अन्य सभी राज्योंमें कोरोनाकी तीसरी लहरसे बचावके लिए स्वास्थ्य ढांचेकी बुनियादी तैयारियोंके साथ जीवनमें योग एवं अच्छी जीवनशैलीको आत्मसात किये जानेकी रणनीतिपर ध्यान दिया जाना होगा।

वस्तुत: हवामें विभिन्न सूक्ष्म जीवाणुओंका वास रहता है। जब हम खुले मुंह सांस लेते हैं और एक-दूसरेके संपर्कमें आकर बात करते हैं तो उस समय वातावरणमें फैले अति सूक्ष्म जीवाणु हमारे शरीरमें प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए इनसे बचनेके लिए मास्क लगाये जाने एवं सामाजिक दूरीके मंत्रको जीवनका अभिन्न अंग बनाया जाना होगा। साथ ही कोरोना कालमें अब अभिवादनके लिए हाथ मिलाने और गले मिलनेकी बजाय हाथ जोडऩेके तरीकेको जीवनका अंग बनाना होगा। हम उम्मीद करें कि विभिन्न राज्य सरकारोंके द्वारा लाकडाउनको खोलनेकी प्रक्रियामें स्थानीय जरूरतोंके साथ इन विभिन्न रणनीतिक सुझावोंपर अवश्य ध्यान दिया जायगा। इससे जहां अर्थव्यवस्थाको बड़ी गिरावटसे रोका जा सकेगा, वहीं कोरोनासे प्रभावित वर्गोंके दुख-दर्द कम किये जा सकेंगे।