चंदौली। वर्तमान सरकार के वित्तीय वजट में माध्यमिक शिक्षा में सत्तर से अस्सी प्रतिशत की भागीदारी निभाने वाले वित्तविहीन शिक्षकों एवं कर्मचारियों का नाम भी ले नहीं रही। जबकि नारा है सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास, हम वित्तविहीन पैंतीस वर्ष से पपीहा की भांति आस लगाए बैठे हैं। उक्त बातें वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डा राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि कई सरकारें आईं और गईं वर्तमान सरकार के नारे को देखते हुए कुछ विश्वास कुछ आस जगा था। अफसोस के साथ कहने के लिए मजबूर हूं कि भारत वर्ष में नंबर वन पर उत्तर प्रदेश सरकार गिनी जा रही है। अच्छाई बहुत ही गिनाते हैं लोग लेकिन आज लगभग चार लाख शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कुशल क्षेम पूछने वाला कोई नहीं कोरोना वायरस के समय खोज खोज राशन बांटा गया जो आज भी बांटा जा रहा है लेकिन अफसोस है कि वित्तविहीन शिक्षकों एवं कर्मचारियों को आज तक एक रोटी की व्यवस्था नहीं हुई। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से प्रार्थना करते हैं कि 2023 में एक दो रोटी की व्यवस्था करने की कृपा करें हम श्राप तो दे नहीं सकते आशीर्वाद देना ही हमारी पहचान है। आशीर्वाद जरूर देंगे अगर हमारी सेवा को सुरक्षित करते हुए हमारे लिए रोटी की व्यवस्था कर देंगे।