चन्दौली। बरहनी विकास खण्ड के दर्जनों परिषदीय विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन तार खिंचा गया है। बिजली विभाग की घोर लापरवाही एवं शिक्षा विभाग के उदासीनता के कारण वच्चे मौत के साये में शिक्षा ग्रहण करने को विवश है। पूरे मामले की शिकायत ह्युमनराइट सी डब्ल्यू ए के चेयरमैन योगेन्द्र कुमार सिंह योगी ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में किया था। आयोग ने मामले को १७ सितम्बर १९ को संज्ञान में लिया और अध्यक्ष यूपी पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड से सम्बंधित मामले में चार सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया था। अयोग के निर्देश १२ मार्च २०२० के अनुस्मारक के अनुसार निदेशक श्रम प्रबंधन और प्रशासन ने 23 जून 2020 के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिसमें बताया कि धनराशि की कमी के कारण तार हटाना सम्भव नही है। कारपोरेशन ने कहा कि मामला बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्दौली के संज्ञान में लाया गया है और उनके पास पत्र भेजकर धन राशि की मांग की गई है। आयोग ने रिपोर्ट पर गंभीरतापूर्वक विचार किया और पाया कि ऐसी घटना 2019 में बलराम पुर में घट चुकी है। जहाँ स्कूल के दीवार पर हाईटेंशन तार गिरने के कारण 53 बच्चे घायल हो गए थे। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शिकायत कर्ता द्वारा उठाया गया मामला गंभीर प्रकृति का है। आयोग ने विशेष सचिव एजुकेशन को छ: सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए ६ अगस्त२०२० को विशेष सचिव बेसिक शिक्षा को शिकायत की एक प्रति भेजा साथ ही मामले को देखने और निधि जारी करने का निर्देश दिया ताकि विभिन्न स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तारों को स्थानांतरित किया जा सके। आयोग के निर्देश के बाद भी कोई जबाब नही मिला। आयोग ने शख्त रुख अख्तियार करते हुए विशेष सचिव बेसिक एजुकेशन उत्तर प्रदेश सरकार को रिमाइंडर भेजकर मामले की जांच करने और तत्काल फंड जारी करने का निर्देश जारी किया है। आयोग ने विशेष सचिव बेसिक एजुकेशन से छ: सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। आयोग ने कहा है कि यदि समय से रिपोर्ट प्रस्तुत नही किया गया तो आयोग धारा 13 के अंतर्गत कार्यवाई करने के लिए बाध्य होगा।