609 अदद डेटोनेटर, रॉकेट लांचर बनाने का नक्शा सहित हथियारों का जखीरा बरामद
जहानाबाद। बिहार और झारखंड के अंदर नक्सली किसी बड़े वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। दोनों ही राज्यों में अपने प्रभाव वाले इलाकों को नक्सली हैंड ग्रेनेड और ईडी ब्लास्ट के जरिए दहलाने वाले थे। इनकी मंशा कब और कहां खूनी वारदात को अंजाम देने की थी, यह तो अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन, इनकी साजिश को काफ़ी हद तक बिहार एसटीएफ़ ने नाकाम कर दिया है।
नक्सलियों की बड़ी साजिश का एक हिस्सा यह था कि वो बड़े पैमाने पर हैंड ग्रेनेड और आईईडी बम बनाने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए काफ़ी सारे रॉ मेटेरियल का इंतजाम हो चुका था। बस उसे नक्सलियों के बताए सही ठिकाने पर पहुंचाए जाने की देरी थी। मगर, उसके पहले ही बिहार एसटीएफ़ की टीम ने पटना और जहानाबाद में एक साथ छापेमारी कर तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया। इनमें से 2 पिछले 16 सालों से यानी की साल 2004 से ही बिहार-झारखंड में नक्सलियों को विस्फ़ोटक बनाने के लिए रॉ मेटेरियल की सप्लाई करते रहे हैं।
बिस्तौल गांव से जो मिला, उसने होश उड़ा दिए
दरअसल एसटीएफ़ व जिला पुलिस की टीम ने अहले सुबह जिले के कड़ौना ओपी के बिस्तौल गांव के एक घर में छापेमारी की। घर के चप्पे-चप्पे को खंगालने के बाद जो मिला, उसे देख छापेमारी करने पहुंची टीम के होश उड़ गए। वहां से 605 अदद डेटानेटर, .315 बोर का एक राइफ़ल, 7 मैग्जीन, 6 राइफ़ल बोल्ट, 2 वायरलेस सेट, 25 राउंड गोली, तीन पुलिस-कमांडो यूनिफ़ॉर्म, एक बंडल इलेक्ट्रिक वायर, आईईडी बम बनाने के लिए मेटैलिक बॉडी, 20 अदद राइफ़ल सीलिंग, ग्रेनेड बनाने के लिए 279 डेटोनेटर कैप, सेफ्टी फ्यूज, डायनमो, 685 अदद ग्रेनेड बनाने के लिए सेफ्टी कैच, 62 अदद प्रिक्यूशन कैप, 2 स्राइक पीन, 786 अदद रबड़ वॉशर, 28 अदद हैंड ग्रेनेड पार्ट, 5 अदद अधूरा हैंड ग्रेनेड, 3 अदद ग्रेनेड लाउंचिंग बेस, एक ड्रील मशीन और नक्सली लिट्रेचर की बरामदगी हुई। यहां से टीम ने बिस्तौल निवासी कुख्यात नक्सली परशुराम सिंह और दानापुर के रामजीचक निवासी संजय सिंह को गिरफ्तार किया।
दानापुर से कुख्यात परशुराम का बेटा दबोचा गया
जहानाबाद के बिस्तौल में जिस समय छापेमारी चल रही थी, ठीक उसी वक्त पटना में दानापुर के गजाधर चक में भी एसटीएफ़ की दूसरी टीम पहुंची। इस ठिकाने पर भी काफ़ी कुछ हाथ लगा। यहां से भी काफ़ी सारे विस्फ़ोटक सामान के रॉ मेटेरियल बरामद किया गए, जिसमें 4 डेटोनेटर, सेफ्टी पीन, हैंड ग्रेनेड का लीवर, 2 पीस सेफ्टी फ्यूज, एक प्रेशर स्वीच, दो हैंड ग्रेनेड, रॉकेट लांचर बनाने के तीन मैप शामिल हैं। इस ठिकाने से नक्सली परशुराम सिंह का बेटा गौतम सिंह गिरफ्तार किया गया।
कुख्यात नक्सली हैं परशुराम और संजय
बिहार एसटीएफ़ के अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तार किए गए तीनों नक्सली में से परशुराम और संजय कुख्यात हैं। यह दोनों ही कुख्यात नक्सली लीडर व पोलित ब्यूरो सदस्य रहे अरविंद सिंह उर्फ देव कुमार सिंह बेहद करीबी रहे हैं। 2004 से ही ये दोनों बिहार-झारखंड में नक्सलियों को विस्फ़ोटक बनाने के लिए रॉ मेटेरियल की सप्लाई करते रहे हैं। अब इनकी पूरी कुंडली को खंगाला जा रहा है। सभी से पूछताछ की जा रही है। इतने बड़े पैमाने पर रॉ मेटेरियल कहां से आए, इसकी पड़ताल की जा रही है।
क्या कहते है पुलिस कप्तान
इस बाबत एसपी दीपक रंजन ने नक्सलियों के पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि एसटीएफ़ और जहानाबाद पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुये नक्सलियों को धर दबोचा है। उन्होंने बताया कि इनकी निशानदेही पर अन्य जगहों पर भी छापेमारी की जा रही है।