पटना

जहानाबाद: सरकार के सात निश्चय योजना पर सवाल खड़ी कर रही कीचड़ से सनी गांव की गलियां


      • पंचायती राज व्यवस्था भी नहीं बदल सकी कलुआचक की सूरत
      • गांव के लोग नारकीय जीवन जीने को हैं विवश

जहानाबाद। जिले के मखदुमपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी सरेन पंचायत के एक गांव कलुआचक की दशा ना तो सरकार की साथ निश्चय योजना बदल सकी और ना ही पंचायती राज व्यवस्था। गांव की कीचड़ से सनी गलियां सरकार की सात निश्चय योजना पर कई सवाल खड़ी करती नजर आ रही है। वहीं पंचायती राज व्यवस्था भी इस गांव की सूरत नही बदल सकी। हालांकि ऐसा नहीं है कि विकास की योजनाओं पर राशि खर्च नहीं की गई है, लेकिन जो नाम मा= के काम हुए भी हैं, वो महज खानापूर्ति ही दिखाई पड़ती है।

अधिकारियों ने भी कभी नही ली सुध

मखदुमपुर के कलुआचक गांव में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है जैसे यह गांव सालों से प्रतिनिधिा विहीन रहा हो। सबसे हैरत की बात तो यह है कि इस दौरान उक्त गांव की किसी अधिाकारी ने भी सुधा नहीं ली। यह हाल तब है, जब इन योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रखंड स्तर पर सरकार ने कई अधिाकारियों की नियुक्ति की है। गांव में एक शमशान भी है, जहां गांव के लोगों का यहीं अंतिम संस्कार होता है। लेकिन, गांव से शमशान घाट तक जाने वाली सड़क की स्थिति ऐसी है कि कीचड़ के कारण उसपर चलना भी दूभर हो गया है।

मिट्टी व फ़ुस के मकान में जीवन गुजारने को विवश हैं लोग

इस बाबत गांव के लोग बताते हैं कि पांच साल पहले ईंट सोलिंग कराई गई थी। कई साल बाद जब नाली बनी तो उसकी मिट्टी ईंट सोलिंग पर ही डाल कर छोड़ दिया गया। इन पांच सालों में किसी भी गली में पीसीसी नहीं कराया गया। कुछ महीने पहले एक गली में पीसीसी कराई गई है, वह भी आधाी अधाूरी है। गांव में अब भी एक दर्जन से अधिाक मिट्टी की मकान बनी है, जो गरीबी और लाचारी की कहानी बयां कर रही है। आवास योजना के लाभ से वंचित ये लोग अब भी मिट्टी व फ़ुस की मकान में जीवन गुजारने को विवश हैं। इन मकानों में कब जिंदगी जमींदोज हो जाएगी, कहना मुश्किल है।

नल जल योजना में भी गड़बड़ी, पानी की भी किल्लत

गांव के नवल यादव कुछ दिन पहले ही कोरोना की जंग जीतकर अस्पताल से घर लौटे हैं। अभी कमजोरी इतनी कि पांच मिनट बोल भी नहीं पाते। उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने चार बार मुखिया के चुनाव में वोट दिया है। हर बार मुखिया से उम्मीद रहती है कि इसबार उन्हें आवास योजना का लाभ मिल जाएगा। लेकिन, अब तक उनका सपना साकार नहीं हो सका। अपने मकान की ओर इशारा करते हुए बताया कि इसी मकान में सालों से रह रहे हैं। गांव निवासी धाीरेंद्र यादव ने बताया कि हर प्रतिनिधिा ने गांव की अनदेखी की है।

20 साल में भी गांव की गलियां पक्की नहीं हो सकी। बरसात के दिनों में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। नल जल योजना के लिए काफ़ी घटिया किस्म की पाइप बिछाई गई है। कुछ दिनों में ही पाइप फ़ट गया है, जिससे पानी की भी समस्या बनी रहती है। उसने बताया कि गांव के ही वार्ड सदस्य अभी पंचायत के प्रभारी मुखिया हैं। वे दस साल से लगातार वार्ड सदस्य हैं। कुछ दिन पहले एक गली में पीसीसी कराया गया है, जो भी विवाद के कारण आधाा अधाूरा रह गया।

क्या कहते हैं प्रभारी मुखिया

इस संदर्भ में प्रभारी मुखिया ने बताया कि कुछ विवाद के कारण फि़लहाल पीसीसी का काम बंद हो गया है। गांव के लिए कई योजनाएं ली गई हैं। बरसात के कारण काम थोड़ा बाधिात है। जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा।