पटना

‘जहान-ए-उर्दू औरंगाबाद,’ पुस्तक का डीएम ने किया विमोचन ।


औरंगाबाद (आससे)। जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा प्रकाशित ‘जहान-ए-उर्दू औरंगाबाद’ नामक पुस्तक  उर्दू जुबान के विकास में एक नयी जान डालेगी। उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह एक सराहनीय प्रयास है। उर्दू निदेशालय के निर्देश के आलोक में जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन शनिवार को किया गया।

डीएम सौरभ जोरवाल, डीडीसी अंशुल कुमार, वरीय उपसमाहर्ता फातेह फैयाज, उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी सह उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल व गोपनीय प्रभारी पदाधिकरी अमित कुमार द्वारा कार्यालय कक्ष में इसका विमोचन किया गया।

पुस्तक के अवलोकन के बाद डीएम ने इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए उर्दू भाषा कोषांग की सराहना की। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के रचनात्मक कार्य करने पर बल दिया, ताकि उर्दू भाषी रचनाकारों को एक मंच मिले। इस पुस्तक में औरंगाबाद के उर्दू प्रेमियों की गद्य व पद्य रचनाओं को संकलित किया गया है।

साथ ही स्कूल व कॉलेजों के नये लिखने वाले विद्यार्थियों की रचनाओं को भी पुस्तक में जगह दी गयी है। इससे नये लेखकों व रचनाकारों का उत्साह बढ़ेगा और वह उर्दू भाषा को अपनाते हुए इसे एक नयी उंचाईयों पर ले जाने को प्रेरित तथा प्रयासरत होंगे।

जिला उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी सह उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल ने बताया कि उर्दू निदेशालय मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, पटना के निर्देश के आलोक में द्वितीय राजकीय भाषा उर्दू के विकास के लिए जिला उर्दू भाषा कोषांग का गठन किया गया है। इसके द्वारा प्रत्येक वर्ष  फरोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा, छात्र-छात्राओं का तकरीरी मुकाबला तथा उर्दू कर्मियों की दक्षता के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

इसी क्रम में अब उर्दू निदेशालय ने प्रत्येक जिला को प्रतिवर्ष उर्दू पुस्तिका जिला उर्दूनामा के प्रकाशन का निर्देश दिया है। इसी निर्देश के आलोक में जहान-ए-उर्दू औरंगाबाद के नाम से वर्ष 2020 की पहली पुस्तिका प्रकाशित की गयी। इसके संपादक उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी जावेद इकबाल तथा सहायक संपादक युसूफ जमील हैं।

इस पुस्तक में रचनाओं के अलावा कई अन्य तत्वों को भी संग्रहित किया गया है। जिले में कार्यरत उर्दू शिक्षकों के नाम-पता, भाषण प्रतियोगिता के विजेता प्रभागियों की सूची, जाति, आय, आवासीय व मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पत्रों का द्विभाषीय नमूना आदि को भी शामिल किया गया है।

वहीं कोषांग द्वारा पूर्व में आयोजित विभिन्न गतिविधियों व कार्यक्रमों से जुड़ी अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट व तस्वीरें भी पुस्तक में सम्मिलित हैं। कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व में 10 अप्रैल को नगर भवन में पुस्तक के विमोचन के लिए कार्यक्रम का आयोजन होना था। मगर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया। उर्दू प्रेमियों व रचनाकारों के बीच इस पुस्तका का वितरण किया जायेगा। साथ ही राज्य के प्रत्येक जिला के उर्दू भाषा कोषांग को इसकी प्रतियां भेजी जा रही है ।