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Post Views: 847 ऋतुपर्ण दवे क्या किसान मजबूर है और खेती मजबूरी। यह प्रश्न बहुत ही अहम हो गया है। अब लग रहा है कि किसानोंकी स्थिति ‘उगलत लीलत पीर घनेरीÓ जैसे हो गयी है। बदले हुए परिवेश यानी सामाजिक एवं राजनीतिक दोनोंमें किसानोंकी हैसियत और रुतबा घटा है। किसान अन्नदाता जरूर है लेकिन उसकी […]
तीसरी लहरकी आशंका
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Post Views: 501 कोरोनाकी दूसरी लहरने फिर तेज गति पकड़ ली है। गुरुवारको सरकारने जो आंकड़ा जारी किया है, उसने अबतकके सभी रिकार्ड तोड़ दिया है। पिछले २४ घण्टेके दौरान चार लाख १२ हजारसे अधिक संक्रमणके नये मामले आये और इसी अवधिमें ३९८० लोगोंकी मौतें भी हुईं। यह अत्यन्त ही भयावह स्थिति है। मृतकोंकी संख्या […]
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Posted on Author ARUN MALVIYA
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