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अहंकारका विसर्जन
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 368 ओशो वनके हर क्षेत्रमें सत्यके सामने ठहरना मुश्किल है और झूठके सामने झुकना सरल। ऐसी उलटबांसी क्यों है। उलटबांसी जरा भी नहीं है, सिर्फ विचारमें जरा-सी चूक हो गयी है, इसलिए ऐसा दिख रहा है। चूक बहुत छोटी है, शायद एकदमसे दिखाई न पड़े। सत्यके सामने झुकना पड़ता है, झूठके सामने झुकना […]
भारतकी रणनीतिसे बदले चीन और पाकिस्तानके सुर
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Post Views: 611 रविकान्त त्रिपाठी भारतसे लगी चीन और पाकिस्तान सीमापर लम्बे समयसे चल रही तनातनी अचानक शान्त हो गयी, यह भारत और चीनके बीच कई दौरकी वार्ताके बाद बनीं सहमतिका परिणाम था। चीन पीछे क्यों हटा यह कौतूहलका विषय हो सकता है लेकिन यह भारतकी रणनीतिक और कूटनीतिक विजय कही जाय तो शायद कुछ […]
भावनात्मक परिष्कार
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 614 श्रीराम शर्मा प्राचीनकालसे तुलना की जाय और मनुष्यके सुख-संतोषको भी दृष्टिगत रखा जाय तो पिछले जमानेकी असुविधाभरी परिस्थितियोंमें रहनेवाले व्यक्ति अधिक सुखी और संतुष्ट जान पड़ेंगे। इन पंक्तियोंमें भौतिक प्रगति तथा साधन-सुविधाओंकी अभिवृद्धिको व्यर्थ नहीं बताया जा रहा है, न उनकी निंदा की जा रही है। कहनेका आशय इतना भर है कि […]