जाले (दरभंगा)(आससे)। राज्य सरकार द्वारा संपोषित कृषक विकास की महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र जाले द्वारा चयनित 5 गांव में इस खरीफ मौसम में 595 एकड़ भूमि में उन्नत विधि से धान की खेती कराई जा रही है। इस संदर्भ में कृषि विज्ञान केंद्र जाले के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने शुक्रवार को बताया कि यह कार्यक्रम दरभंगा जिले के जाले प्रखंड अंतर्गत जाले राढ़ी, रतनपुर, ब्रह्मपुर एवं सिंघवारा प्रखंड के सनहपुर गांव में संचालित की जा रही है, जिसमें परियोजना अंतर्गत 643 किसानों का चयन किया गया है।
चयनित किसानों किसानों के खेतों पर उन्नत विधियों से धान की खेती कराया जाना है, जिसमें से लंबे पभेदों के धान की सीधी बुवाई विधि से प्रत्यक्षण कराया गया है। इसमे अब तक 10 एकड़ सनहपुर में शाहपुर गांव मे ग्यारह, रतनपुर गांव में तीन,ब्रह्मपुर गांव में तथा 3 एकड़ जाले एवं 2 एकर राढ़ी गांव में राजेंद्र मंसूरी स्वर्णा सब वन एवं राजश्री पभेद का प्रत्यक्षण किया गया है। वहीं अब मौसम अनुकूल होने पर मध्य एवं कम अवधि के धान के प्रदेशों का सीधी बुवाई विधि से प्रशिक्षण कराया जाएगा।
इस परियोजना में चयनित किसानों को लंबी अवधि मध्य अवधि एवं लघु अवधि के धान के बीज कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा उपलब्ध कराया गया है। ज्ञात हो कि इस परियोजना अंतर्गत रवि के मौसम में गेहूं मसूर एवं सरसों की खेती पुणे की सारी विधि एवं उन्नत तकनीकों के द्वारा कराया गया था, जिसके सुखद परिणाम किसानों को प्राप्त हुए हैं तथा उन्नत तकनीकों के प्रति किसानों का लगाव बढ़ा है।
इस परियोजना अंतर्गत बिहार सरकार के सहयोग से विभिन्न उपयोगी यंत्र किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र को उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें लेजर लैंड लेवलर मल्चर, शून्य जुताई यंत्र, ट्रैक्टर रोटावेटर बूम स्प्रेयर मशीन कल्टीवेटर पोटैटो प्लांटर रीपर कम बाइंडर आदि शामिल है। केंद्र के अध्यक्ष ने बताया इन यंत्रों का लाभ चयनित गांव के किसान को मिलेगा, साथ ही उपलब्धता के आधार पर अन्य गांवों के किसान भी इसका लाभ कम मूल्य पर ले पाएंगे।