पटना

जाले: 15 दिवसीय उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न


शून्य जुताई यंत्र से मूंग की बुवाई लाभप्रद: डॉ. रियाज

जाले (दरभंगा)(आससे)। केविके जाले में 15 दिवसीय उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ।मालूम हो कि बीते 23 फरवरी से कृषि विज्ञान केंद्र में 15 दिवसीय उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें दरभंगा के 9 प्रखंडों के प्रतिभागी भाग लिया। प्रतिभागियों के बीच प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण करते हुए अवकाश प्राप्त वरीय वैज्ञानिक डॉ. रियाज अहमद ने बताया की किसान संतुलित खाद के प्रयोग एवं संरक्षित खेती को अपनाकर अधिक उत्पादकता और आय प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि गरमा मूंग की भी बुवाई किसान शून्य जुताई विधि से भी भी कर सकते हैं तथा इससे जहां समय एवं लागत की बचत होगी, वही अधिक उत्पादन भी किसान प्राप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने बताया कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा अब तक उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु 15 दिवसीय 6 प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा जिला के 180 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमे कई लोगों ने अनुज्ञप्ति भी जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त कर ली है।

उन्होंने बताया अब अनुज्ञप्ति के लिए इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उन्होंने इस कार्यक्रम में सहयोग के लिए जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन एवं मुकेश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रशिक्षण के सहसंयोजक डॉ. ए पी राकेश ने बताया इस प्रशिक्षण का सीधा लाभ किसानों को होगा। मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के सभी वैज्ञानिक व कर्मी मौजूद थे।