रांची

झारखंड के आंदोलनकारियों ने निकाली पदयात्रा, प्रशासन ने रोका


झारखंड के आंदोलनकारियों ने निकाली पदयात्रा, प्रशासन ने रोका
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के लगभग 200 सदस्य अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी से मुख्यमंत्री आवास तक पदयात्रा करने के लिए जुटे थे। इस बीच जैसे पदयात्रा मोरहाबादी में शुरू की गई । प्रशासन ने उन्हें वहीं पर रोक दिया। जिसे लेकर आंदोलनकारी हंगामा करने लगे। आंदोलकारियों का कहना था कि आज तक जितनी भी सरकार बनी और मुख्यमंत्री बने उन्होंने आंदोलनकारियों को लेकर गंभीरता से विचार नहीं किया। न ही उन्हें मिलने वाली सुविधाएं दी गई। प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि पेंशन भी उन्हें तीन हजार रुपए ही मिल रही है। इसके अलावा भी कई अन्य मांगे है जिसपर सरकार को विचार करने की जरूरत है। प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि जिन झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग और लंबे संघर्ष के परिणाम स्वरूप अलग राज्य का गठन हुआ। संघर्ष काल में उपेक्षाओं के अलावा यातनाएं भी झेली और उनका पलायन हो गया। घर-व्यापार सबकुछ बर्बाद हो गया, लेकिन स्वर्णिम इतिहास गढ़ने वाले आंदोलनकारियों की समस्याएं सरकार दूर नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रमुख मांगों में भारत सरकार के गृह एवं कारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 1952 के तहत जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानियों या पूर्व विधायकों के समान पेंशन देने, झारखंड आंदोलनकारी आयोग का गठन करने, झारखंड अलग राज्य के आंदोलन की तिथि को सुनिश्चित करने के लिए कट आफ डेट निर्धारित करने, आंदोलनकारियों का चिन्हितीकरण का कार्य जिला स्तरीय हो और संगठनों के नेतृत्वकर्ता के माध्यम से करने सहित अन्य मांग शामिल है।