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टूलकिट का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, NIA से जांच की मांग


  1. नई दिल्‍ली: बीजेपी की तरफ से कांग्रेस पर एक टूलकिट तैयार करने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हो गई। इस मामले के खिलाफ कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ फर्जी खबर साझा करने और बनाने को लेकर मामला दर्ज कराया है। हालांकि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और इस टूलकिट के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।

इस याचिका में सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने का बताया गया है। वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता लगाने के लिए NIA से जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि अगर दोष साबित हो तो कांग्रेस की मान्यता रद्द की जाए।

संबित का दावा, सौम्या वर्मा ने बनाई टूलकिट
कांग्रेस द्वारा भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के लिए “फर्जी टूलकिट” का प्रचार करने का आरोप लगाने के एक दिन बाद बुधवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा कुछ नई जानकारी लेकर आए। ट्विटर पर पात्रा ने दावा किया कि कथित टूलकिट की लेखिका सौम्या वर्मा हैं।

पात्रा ने ट्वीट के साथ चार स्क्रीनशॉट भी साझा किए। स्क्रीनशॉट में से एक सौम्य वर्मा के लिंक्डइन प्रोफाइल का है, जिसके अनुसार वह प्रोफेसर एमवी राजीव गौड़ा के कार्यालय में काम करती हैं।

हालांकि कांग्रेस के रिसर्च प्रकोष्ठ के प्रमुख राजीव गौड़ा ने कल टूलकिट को “नकली” कहा था। गौड़ा ने कल ट्वीट करते हुए कहा, “बीजेपी कोविड-19 कुप्रबंधन पर एक नकली टूलकिट का प्रचार कर रही है और इसका श्रेय एआईसीसी रिसर्च विभाग को दे रही है। हम (भाजपा प्रमुख) जेपी नड्डा और संबित पात्रा के खिलाफ जालसाजी के लिए प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं। जब हमारा देश कोविड द्वारा तबाह हो रहा है, तो राहत देने के बजाय भाजपा बेशर्मी से जालसाजी कर रही है।”

पात्रा द्वारा साझा की गई सौम्या वर्मा की प्रोफ़ाइल के अनुसार, वह अप्रैल 2017 से एआईसीसी रिसर्च विभाग में राजीव गौड़ा के कार्यालय में नीति और राजनीतिक अनुसंधान सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं।