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डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया कौन कर्नाटक में CM पद पर रस्साकशी


नई दिल्ली, । कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है। दोनों दावेदार सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दिल्ली में हैं। माना जा रहा है कि आज पार्टी आलाकमान के साथ उनकी बैठक के बाद सीएम के नाम का एलान हो जाएगा। सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों का दावा मजबूत है।

सिद्धारमैया या शिवकुमार, कौन बनेगा सीएम?

सिद्धारमैया पहले भी सीएम रह चुके हैं। ऐसे में उनका दावा ज्यादा मजबूत हैं। वहीं, शिवकुमार ने पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे में उनके दावे को भी कम नहीं आंका जा सकता। पार्टी के सामने दोनों में से किसी एक को चुनना बड़ी चुनौती है। इससे पहले, 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छ्त्तीसगढ़ में भी ऐसा वाकया देखने को मिला था, जहां पार्टी को मुख्यमंत्री चुनने में लंबी माथापच्ची करनी पड़ी थी।

 

राजस्थान : अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट

राजस्थान में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जब बारी मुख्यमंत्री चुनने की आई तो पार्टी के सामने अनुभवी अशोक गहलोत और जोशीले सचिन पायलट में से किसी एक को चुनने की चुनौती थी। आखिरकार पार्टी ने अपने पुराने वफादार और अनुभवी नेता गहलोत पर विश्वास जताया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। पायलट और गहलोत ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद जारी एक तस्वीर में दोनों नेता मुस्कुराते हुए नजर आए थे।

हालांकि, पायलट पार्टी आलाकमान के फैसले से खुश नहीं थे। उनके समर्थक उन्हें सीएम बनते हुए देखना चाहते थे। पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने में भी पायलट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस समय पायलट ने भ्रष्टाचार और सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ जनसंघर्ष यात्रा निकाली है। उन्होंने अपनी मांगों को पूरा न करने पर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है

मध्य प्रदेश: कमलनाथ बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया

मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस 200 सीटों में से 100 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन यहां भी मुख्यमंत्री पद को लेकर दो दावेदार थे, एक कमलनाथ और दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया। कमलनाथ पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनके गांधी परिवार से संबंध काफी अच्छे हैं। वहीं, सिंधिया राहुल गांधी के करीबी थे। ऐसे में पार्टी आलाकमान ने अनुभवी कमलनाथ पर भरोसा जताया। कमलनाथ और सिंधिया की राहुल गांधी के साथ मुस्कुराते हुए एक तस्वीर भी सामने आई थी। हालांकि, बाद में सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी और पार्टी को राज्य में सत्ता गंवानी पड़ी।

छत्तीसगढ़: भूपेश बघेल बनाम टीएस सिंहदेव

छत्तसीगढ़ में भी 2018 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस में सीएम पद को लेकर दो दावेदार सामने आए। भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। ऐसे में पार्टी ने बघेल पर भरोसा जताया और उन्हें मुख्यमंत्री चुना और सिंहदेव को निराशा हाथ लगी। इस दौरान भी राहुल गांधी की दोनों नेताओं के साथ मुस्कुराते हुए तस्वीर सामने आई थी।

 

सीएम चुनना, कांग्रेस के लिए हमेशा रही बड़ी चुनौती

कुल मिलाकर, कांग्रेस जिन राज्यों में सत्ता में आई है, वहां सीएम चुनना उसके लिए काफी चुनौती भरा रहा है। हालांकि, सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अब पार्टी आलाकमान कोई भी फैसला सोच समझकर लेगी, ताकि मध्य प्रदेश जैसा हाल न हो।