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पाकिस्‍तान सरकार ने लोगों पर फोड़ा कोरोना के बढ़ते मामलों का ठीकरा, पीएम के विशेष सचिव


इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान में लगातार कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। यहां पर अब तक इसके 725602 मामले सामने आ चुके हैं और 634835 मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 15501 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इस वर्ष फरवरी के बाद से ही यहां पर लगातार मामलों में तेजी दर्ज की जा रही है। इसको लेकर जहां सरकार परेशान हैं वहीं लोग लापरवाह हो रहे हैं। ये सच्‍चाई पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्‍वास्‍थ्‍य मामलों के विशेष सहायक डॉक्‍टर फैसल सुल्‍तान ने कही है।

उनका कहना है कि देश में केवल पांच फीसद ही ऐसे लोग हैं जो कोरोना के खतरे को देखते हुए घरों से बाहर निकलने पर मास्‍क लगा रहे हैं। इसके अलावा देश में 95 फीसद लोग कोरोना महामारी की रोकथाम को बनाए नियमों को ताक पर रख कर दूसरे लोगों की जिंदगियों से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। देश में बढ़ते कोरोना मामलों पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉक्‍टर फैसल ने ये अहम बयान दिया है।

पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन के मुताबिक, उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए सीधेतौर पर लोगों को जिम्‍मेदार ठहराया है और कहा है कि वो सरकार द्वारा जारी स्‍टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर को नहीं मान रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि लोग खुले में बिना मुंह पर मास्‍क लगाए घूम रहे हैं। गाडि़यों में लोग ऐसे ही सफर कर रहे हैं। उन्‍होंने लोगों से अपील की है कि वो सरकार के बनाए नियमों का पालन करें, नहीं तो मुश्किल हो जाएगी। उन्‍होंने रमजान के मौके पर लोगों से अपील की है वो नियमों में रहकर ही इसको पूरा करें। उन्‍होंने 65 वर्ष की अधिक आयु वाले लोगों से कोरोना वैक्‍सीन लेने की भी अपील की है। उनका कहना है कि वैक्‍सीन सौ फीसद इम्‍यूनिटी को तय नहीं करेगी, इसके लिए नियमों को भी मानना होगा। केंद्रीय मंत्री असद उमर ने भी लोगों से नियमों को मानने की अपील की है। इसको लेकर उन्‍होंने एक ट्वीट भी किया है।

उनके मुताबिक सोमवार को देश में कोरोना के 4585 नए मामले सामने आए थे और 58 लोगों की मौत हुई थी। सरकारी आंकड़ों के मताबिक, देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्‍या 75266 है। फैसल के मुताबिक, पिछले कुछ सप्‍ताह में ही देश में कोरोना के मामलों में दस फीसद का उछाल देखा गया है। इनमें पंजाब, खैबर पख्‍तूनख्‍वा, इस्‍लामाबाद और गुलाम कश्‍मीर में हालात काफी खराब हुए हैं। देश में 4200 मरीज की हालत काफी गंभीर बनी हुई है, जबकि पिछले वर्ष जून में ये संख्‍या केवल 3300 थी। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष कोरोना से हालात पिछले वर्ष की तुलना में ज्‍यादा खराब हुए हैं। सरकार के मुताबिक, देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर जबरदस्‍त दबाव है और सरकार की पूरी कोशिश मरीजों को अस्‍पतालों में बेड उपलब्‍ध करवाने की है।