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ड्रैगन ने दोस्‍त नेपाल को दिया दगा, चीनी सेना ने सीमा पर लगाई बाड़, BRI परियोजना में है शामिल


नई दिल्‍ली/काठमांडू, । एक बार फ‍िर नेपाल और चीन के रिश्‍ते सुर्खियों में हैं। दरअसल, चीन ने नेपाल से सटी सीमा पर बिना पूछे बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है। चीन, नेपाल के गोरखा जिले के दाशगज्‍जा इलाके में सीमा पर बाड़ लगा रहा है। इतना ही नहीं चीन ने इस इलाके में नेपाली नागर‍िकों को सीमा पार आने-जाने पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले चीन ने हुमला जिले में नेपाल की जमीन पर कब्‍जा कर लिया था और वहां अपनी सैन्‍य चौकी बना ली थी। हालांकि, नेपाल की इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन नेपाल के हुमला में सीमा पर लगे पिलर के बाहर जाकर घरों का निर्माण किया है। नेपाल का दावा है कि यह क्षेत्र उसके इलाके में आता है। सीमा पर एकतरफा बाड़ लगाने की खबरों के आने के बाद अब नेपाल के सरकारी प्रवक्‍ता ने कहा है कि दोनों देशों ने 1414 किमी लंबी सीमा की संयुक्‍त जांच करने का फैसला किया है। चीन ने दावा किया कि दोनों ही पक्षों ने साल 1960 में ही सीमा विवाद को सुलझा चुके हैं। चीन में कोरोना लाकडाउन लगने के बाद अब नेपाल के साथ उसका व्‍यापार बहुत कम हो गया है। चीन नेपाल में अपनी बेल्‍ट एंड रोड परियोजना को शुरू करना चाहता है।

नेपाल में शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भारत के साथ अच्छे संबंधों की उम्मीद जताई जा रही थी। पिछले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में सीमा सहित कई मुद्दों पर भारत और नेपाल के रिश्ते काफी नाजुक मोड़ पर पहुंच गए थे। लेकिन, अब देउबा सरकार ने भी ओली की राह पर चलते हुए चीन के साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर दोबारा बातचीत शुरू कर दी है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव चीन की एक महत्वकांक्षी योजना है। इसके जरिए चीन की योजना एशिया को अफ्रीका और यूरोप के साथ जमीनी और समुद्री मार्ग से जोड़ने की है। हालांकि, चीन इस परियोजना के पीछे गरीब देशों को भारी मात्रा में कर्ज देकर उन्हें अपना आर्थिक गुलाम बना रहा है। एशिया में श्रीलंका और लाओस चीन के बीआरआई प्राजेक्ट के सबसे बड़े शिकार हैं।