Latest News अन्तर्राष्ट्रीय

तालिबान के आतंक से बेखौफ महिलाएं काबुल में दे रहीं चुनौती,


  • तालिबान की सरकार के सामने विरोध प्रदर्शनों से निपटने की चुनौती होगी। जब से वे सत्ता में आए हैं, रोज प्रदर्शन हो रहे हैं। काबुल की एक सड़क पर सैकड़ों महिलाओं का एक समूह नारेबाजी कर रहा है। जैसे ही हथियारबंद तालिबान संगीनें तानते हैं, वे तेजी से आड़ लेने को छितर जाती हैं। तालिबान हवा में गोलियां चलाते हैं। महिलाओं में से एक तुरंत कैमरे के सामने आकर बोलने लगती है। वह कहती हैं, “ये लोग (तालिबान) अन्यायी हैं। इनमें कोई इंसानियत भी नहीं है। वे हमें प्रदर्शन का अधिकार भी नहीं दे रहे। वे मुसलमान नहीं, काफिर हैं।” गोलियों की आवाज तेज होती जाती है और अफरा-तफरी बढ़ती जाती है।

इस प्रदर्शन में किसी की जान जाने की कोई खबर नहीं है। मंगलवार को हुए इस विरोध प्रदर्शन की कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की गई हैं। उनमें तालिबान को हवा में बंदूकें ताने देखा जा सकता है।

रोज हो रहे हैं प्रदर्शन
तालिबान को अफगानिस्तान पर काबिज हुए महीनाभर होने को आया है। इस दौरान लगभग रोज विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देशभर में कई जगहों पर छोटे-छोटे समूहों में इस तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं। आमतौर पर महिलाएं इन प्रदर्शनों की अगुआ होती हैं। ये छोटे-छोटे प्रदर्शन तालिबान के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। मंगलवार को तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान किया है। नई सरकार में मुल्ला हसन अखुंद को अंतरिम प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।

उन्होंने ही तालिबान के पिछले शासन के अंतिम सालों में सरकार का नेतृत्व किया था। दो लोगों को अंतरिम उपप्रधानमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें एक नाम मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का है, जिन्होंने अमेरिका के साथ हुई बातचीत का नेतृत्व किया और अफगानिस्तान से अमेरिका की पूरी तरह विदाई से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए।

तालिबान के राज में अफगानिस्तान सरकार का गठन करने से पहले तालिबान ने लोगों से कहा था कि सरकार बनने तक धैर्य रखें और उसके बाद उनकी परेशानियों को हल किया जाएगा। एक तालिबान प्रवक्ता ने महिला प्रदर्शनकारियों के संदर्भ में कहा था, “उनसे हमने थोड़ा धीरज धरने को कहा था जबकि व्यवस्था खड़ी की जा रही है। जब संस्थाएं बन जाएंगी और काम करने लगेंगी तब हम उनकी बात सुनेंगे।”