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तिहाड़ जेल की कोठरी में अकेले पड़ा है यासीन मलिक, नहीं मिला कोई काम


नई दिल्ली, । देश से जम्मू कश्मीर को अलग रखने की चाहत करने वाला कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) की बची जिंदगी अब अकेले ही तिहाड़ जेल की कोठरी में कटेगी। सजा के बाद 56 वर्षीय यासीन को न केवल दुनिया से काट दिया गया, बल्कि उसे जेल की नंबर सात कोठरी में भी अकेले ही बंद किया गया है। बता दें कि दिल्ली की स्पेशल कोर्ट में बुधवार को सजा सुनाई गई। इस जेल में करीब 13,000 कैदी हैं लेकिन यासीन की कोठरी में दूसरा कोई नहीं। जेल के अधिकारी संदीप गोयल ने बताया, ‘वह जेल नंबर सात में है और वहीं रहेगा। वह अपने सेल में अकेला है।

 

जिस कोठरी में यासीन बंद है उसमें हाई प्रोफाइल शख्स ने सजा काटी है। उल्लेखनीय है कि तिहाड़ का सेल नंबर सात हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। दरअसल अब तक यहां हाई प्रोफाइल कैदियों को बंद किया गया है, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा, सहारा प्रमुख सुब्रत राय आदि। 12 अक्टूबर को तिहाड़ जेल के 12 अधिकारियों को पूर्व यूनिटेक प्रमोटर्स के साथ मिली भगत में पकड़ा गया था। इनपर आरोप है कि चंद्रा ब्रदर्स को इन्हीं अधिकारियों का साथ मिला था, जिसके बाद अजय चंद्रा, संजय चंद्रा जेल के भीतर से ही अपना बिजनेस चला रहे थे।