रांची

तीन माओवादियों ने किया आत्म समर्पण


तीन माओवादियों ने किया आत्म समर्पण
रांची। नक्सल की दुनिया में चर्चित रहे तीन माओवादियों ने सोमवार को डीआईजी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के समक्ष समर्पण करने वालों में भाकपा माओवादी कमांडर सरायकेला खरसांवा निवासी बैलून सरदार के अलावा पार्टी सदस्य गजू उर्फ सूरज सरदार और उसकी पत्नी तमाड़ थाना क्षेत्र के बंदोडीह बालबेड़ा निवासी रायमुनी कुमारी उर्फ गीता शामिल है। इन तीनों को पुलिस के आधिकारियों ने गुलदस्ता देख कर अपराध की दुनिया को छोड़ कर नई दुनिया में स्वागत किया। इस अवसर पर आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि समर्पण करने वाले तीनों माओवादी अनल दस्ते में शामिल थे। और संगठन में रहते हुए कई उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहे हैं। ये तीनों एक करोड़ के ईनामी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी दस्ते के सदस्य थे। संगठन के लोग इनके गांव के नजदीक भ्रमणशील रहते थे। जो ग्रामीणों को सुरो डैम में गांव डूब जाने का भय दिखा कर एंव संगठन से उन्हें होने वाले फायदे का लालच दिखा कर दस्ते में शामिल किया था। बाद में इनके गांव के नजदीक पुलिस का कैंप लगाया गया जिससे ग्रामीण खुश थे। इसी बीच इनके गांव के दो लोगोें पर पुलिस मुखबीरी का आरोप लगा कर दी गयी। उस घटना के बाद से इनका दस्ते से मोह टूटने लगा इसी बीच पुलिस बैलून को गिरफ्तार करने के लिए
लगातार दबिश बनाने लगी जिसके बाद बैलून सरदार दस्ते से मदद मांगा पर उसे कोई मदद नहीं मिला जिससे इनका मोह संगठन से खत्म होने लगा, उसी दौरान पुलिस बैलून के परिजनों से मिल कर उग्रवाद के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान और सरेंडर पॉलिसी से होने वाले लाभ की जानकारी परिजनों को देते हुए इन्हें सरेंडर कराने को प्रेरित किया। इस बीच रायजामा पुलिस कैंप से इनके परिजनों को सहयोग भी किया जा रहा था। जिससे पुलिस के प्रति इनका विश्वास बढ़ा। डीआईजी ने बताया कि बाद में दस्ते में रहते हुए गाजू उर्फ सूरज सरदार ने गीता मुंडा से अप्रैल 2021 में शादी कर ली। आत्मसमर्पण करने वालों ने बताया कि बाद में ये अपने गांव की परेशानियों और संगठन के बुरे आचरण से क्षुब्ध रहने लगे। बताया
कि माओवादी अपने उद्ेश्य से भटक कर अब सिर्फ लेवी वसूली और शोषण करने की पार्टी बन कर रह गयी है। इसलिए ये तीनों सरकार की सरेंडर पॉलिसी योजना से प्ररित हो कर सामान्य जीवन जीने के लिये आत्म समर्पण कर दिया। इन्होंने उग्रवादी साथियों से भी अपील किया कि वे भी सरकार की पुनर्वास योजना से जुड़ कर हथियार डालते हुए सरेंडर करें और बची हुई जिंदगी को अपने परिवार के साथ सामान्य रुप से गुजारे। इस अवसर पर आईजी अभियान अमोल वी होमकर, डीआईजी पंकज कंबोज, डीआईजी असीम विक्रांत मिंज, डीआईजी अनूप बिरथरे के अलावा सरायकेला एसपी
आनन्द प्रकाश सहित कई वरीय पुलिस अधिकारी मौजूद थे।