पटना

तीन स्टेट हाईवे समेत चार सडक़ों का नीतीश कल करेंगे उद्घाटन


पटना (आससे)। बिहार के तीन राज्य उच्च पथों व एक बाईपास का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 25 अगस्त को करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाले इस लोकार्पण समारोह की तैयारी बिहार राज्य पथ विकास निगम ने कर ली है। इन सडक़ों के होने से इलाके विशेष के लोगों का आवागमन आसान होगा।

निगम के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बताया कि बिहिया-जगदीशपुर पीरो-बिहटा राज्य उच्च पथ संख्या-102 का लोकार्पण होगा। यह सडक़ भोजपुर जिले में है। पटना बक्सर 4-लेन सडक़ से सोन नदी के पश्चिमी किनारे आकर दनवार बिहटा में मिलता है, जहां से नासरीगंज दाउदनगर पुल के माध्यम से मगध प्रमंडल क्षेत्र की संपर्कता स्थापित होती है। 54.519 किमी लंबी इस सडक़ की लागत 504.208 करोड़ है। इसे दो लेन में 10 मीटर चौड़ा बनाया गया है। इस सडक़ में आरा-सासाराम  रेल लाईन पर पीरो में एक आरओबी का निर्माण हुआ है।

दूसरी सडक़ अमरपुर-अकबरनगर एसएच 85 है। यह सडक़ भागलपुर, मुंगेर और बांका जिलों की यातायात में अत्यधिक सहायक सिद्ध होगी। 10 मीटर चौड़े इस दो लेन सडक़ की कुल लंबाई 29.3 किमी तो लागत 220.719 करोड़ आई है। अकबरनगर के पास में सुल्तानगंज से अगुआनी घाट पर नया गंगापुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। उसके बन जाने के बाद इस सडक़ के माध्यम से उत्तर बिहार की सुगम संपर्कता स्थापित हो सकेगी।

तीसरी सडक़ घोघा-पंजवारा एसएच 84 है। भागलपुर एवं बांका के लिए अत्यंत उपयोगी इस राज्य उच्च पथ का निर्माण 332 करोड़ से हुआ है। इसकी लंबाई 41.11 किमी है। इसके बन जाने से यह भागलपुर शहर के बाहरी बाईपास की तरह भी काम करेगा जिससे संथालपरगना क्षेत्र से पत्थर लदे ट्रकों के आवागमन में व्यापक सहूलियत होगी। इस पथ में घोघा बाजार में एक रेल ऊपरी पुल का निर्माण किया जा रहा है जो एक जनवरी 22 तक कर लिया जायेगा।

चौथी सडक़ बिहारीगंज बाईपास- उदाकिशुनगंज मधेपुरा एवं सुपौल जिलों के लिए अत्यंत लाभकारी है। उदाकिशुनगंज-वीरपुर एसएच 91 के तहत बिहारीगंज बाईपास का निर्माण कार्य भू-अर्जन में बिलंब के फलस्वरूप देरी से हुआ है। अब 4.55 किमी लंबे इस बाईपास का निर्माण पूरा कर लिया गया है। उदाकिशुनगंज से भटगामा होते हुए विजयघाट पुल के माध्यम से नवगछिया तक की संपर्कता सुनिश्चित करने को एसएच-58 का 10 मीटर चौड़ीकरण अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। इसके बाद पूर्वी बिहार एवं झारखंड से कोसी प्रमंडल होते हुए संपूर्ण उत्तर बिहार एवं नेपाल सीमा तक की निर्बाध एवं सर्वमौसमी संपर्कता सुनिश्चित हो सकेगी।