कोविड-१९ के कारण बीसीसीआईके लिए ३८ टीमोंको एकत्रित करना चुनौती
नयी दिल्ली (एजेन्सियां)। कोरोना वायरस के चलते देश में सेहत की सुरक्षा के मद्देनजर कड़ी गाइडलाइन्स को फालो करना जरूरी है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस साल रणजी ट्राफी का आयोजन टालने की सोच रहा है। कड़ी रोकथाम के इस दौर में क्रिकेट के लंबे फार्मेट के लिए ३८ टीमों को एकत्रित करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में बोर्ड चाहता है कि यह प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट का आयोजन टाल कर विजय हजारे ट्राफी को प्राथमिकता दी जाय। एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई जल्दी ही इसकी घोषणा कर सकता है। इससे पहले रिपोर्ट थी कि बीसीसीआई इस सत्रमें रणजी ट्राफी या विजय हजारे ट्राफी में से किसी एक का ही आयोजन कर सकता है। इसके अलावा बीसीसीआई इस सीजन महिला टी-२० टूर्नामेंट की शुरुआत को लेकर भी उत्सुक है। बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल जब १७ फरवरी को एक बैठक करेगी तब इन मुद्दों पर चर्चा होगी। इस दौरान बीसीसीआई के सचिन जय शाह इस अपेक्स काउंसिल से यह सुझाव मांग सकते हैं कि बताय कि इन मुश्किल हालात में क्या लाल गेंद क्रिकेट का आयोजन किया जा सकता है। माना जा रहा है कि अपेक्स काउंसिल के कुछ सदस्य इस बात के पक्ष में हैं कि घरेलू क्रिकेट में लाल गेंद के फार्मेट को थोड़ा बहुत खेला जाना चाहिए। कोविड- १९ के इस दौर में फिलहाल सैयद मुश्ताक अली ट्राफी खेली जा रही है। कोरोना वायरस के अस्तित्व में आने के बाद यह भारत में पहला क्रिकेट टूर्नामेंट है। इसके बाद अप्रैल-मई में टी-२० लीग आईपीएल का आयोजन भी होना है। इसके बाद भारत में टी-२० विश्वकप भी आयोजित होना है ऐसे में रणजी ट्राफी के सत्र के टलने के आसार इस लिहाज से भी ज्यादा हैं। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के तर्ज पर रणजी ट्राफी का आयोजन कर सकती है जिसमें प्रत्येक टीम छह शहरों में पांच लीग मैच खेलेगी। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि आईपीएल से पहले नाकआउट होगा या नहीं। आईपीएल का आयोजन अप्रैल-मई में होगा। ऐसे में बीसीसीआई के पास बहुत कम समय है। रिपोर्ट के अनुसार कई राज्य संघों ने कहा कि उन्हें रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्राफी के बीच अपने पसंदीदा विकल्प के रूप में चुनने के लिए बोर्ड सचिव जय शाह की काल आई थी। मुम्बई और ओडिशा क्रिकेट संघ समय के अभाव का हवाला देकर विजय हजारे टूर्नामेंट के आयोजन को अपना समर्थन दे रहे हैं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश रणजी के आयोजन के पक्ष में है।