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थोड़ी ही देर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्टैच्यू आफ इक्वलिटी का करेंगे अनावरण,


हैदराबाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को हैदराबाद के पाटनचेरु में अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान के अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय (आईसीआरआईएसएटी) परिसर में एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्‍होंने इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फार द सेमी-अरिड टापिक्स (International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics, ICRISAT) के स्वर्ण जयंती समारोह में आईसीआरआईएसएटी के विशेष लोगो को लान्च किया।

इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फार द सेमी-अरिड टापिक्स (ICRISAT) के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज बसंत पंचमी का पावन पर्व है। आज हम ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं। आप सभी जिस क्षेत्र में हैं उसका आधार ज्ञान, विज्ञान, इनोवेशन, इंवेंशन ही है। इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस आयोजन का एक विशेष महत्व हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा- जैसे भारत ने अगले 25 सालों के लिए नए लक्ष्य बनाए हैं, उनपर काम करना शुरू कर दिया है वैसे ही अगले 25 साल ICRISAT के लिए भी उतने ही अहम है। आपके पास पांच दशकों का अनुभव है। इन दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है। 50 साल एक बहुत बड़ा समय होता है और इस 50 साल की यात्रा में जब जब जिस जिस ने जो जो योगदान दिया है, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि इस काम को आगे बढ़ाने के लिए जिन जिन लोगों नें प्रयास किया है, मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं। ICRISAT की रिसर्च, आपकी टेक्नोलाजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान बनाया है। इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक डाक टिकट भी लान्च की। उन्होंने ‘क्लाइमेट चेंज रिसर्च फैसिलिटी आन प्लांट प्रोटेक्शन’ का भी उद्घाटन किया।

इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्‍द्र तोमर ने कहा कि यह आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है। अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics, ICRISAT) के भी 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हमें प्रेरणा प्रदान करने वाले अवसर हैं। हमारे संकल्प को पूर्ण करने का समय है। यह आने वाले 25 वर्षों के लिए नए संकल्प लेकर चलने का समय है।

वह थोड़ी ही देर में हैदराबाद में संत श्री रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू आफ इक्वलिटी’ का अनावरण करेंगे। यह बैठी हुई मुद्रा में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा है। इस मामले में थाइलैंड स्थित बुद्ध की प्रतिमा सबसे ऊंची है। बुद्ध की प्रतिमा की ऊंचाई 302 फीट है। संत श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 45 एकड़ के भव्य मंदिर परिसर में स्थापित की गई है।