पटना

दरभंगा पार्सल ब्लास्ट में दोनों अभियुक्त रिमांड पर


हैदराबाद में गिरफ्तार दोनों भाई कोर्ट में पेश, भेजे गये बेऊर जेल

पटना (आससे)। दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार संदिग्ध दोनों भाइयों को एनआईए की टीम शुक्रवार को ट्रांजिट रिमांड पर पटना लेकर आई। फ्लाइट से दोनों को सुबह 11.00 बजे पटना एयरपोर्ट लाया गया। कड़ी सुरक्षा में दोनों को दोपहर करीब ढाई बजे एनआईए के विशेष न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह की अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेजने का आदेश दिया गया। साथ ही एनआईए को पूछताछ के लिए 3 से 9 जुलाई तक पुलिस रिमांड भी मिली है।

गौरतलब है कि एनआईए की टीम ने गिरफ्तारी के बाद दोनों को पटना लाने के लिए गुरुवार को ही ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर लिया था। इनके संबंध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का दावा किया गया है। दोनों भाइयों पर सिकंदराबाद-दरभंगा ट्रेन के पार्सल में विस्फोटक प्लांट करने का आरोप है।

दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को धमाका हुआ था। जांच में पता चला है कि विस्फोट ट्रेन की पार्सल वैन से भंडार स्थल तक कपड़ों का बंडल ले जाते समय हुआ था। पार्सल सिकंदराबाद से चलने वाली एक ट्रेन से आया था। गिरफ्तार दोनों भाई उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना के रहने वाले हैं। इनमें इमरान और नासिर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। नासिर करीब 20 साल से हैदराबाद में कपड़े का काम कर रहा था। इनके पिता मूसा खान रिटायर फौजी हैं। वह फिलहाल कैराना में अकेले घर में रहते हैं।

गिरफ्तार दोनों भाइयों इमरान और नासिर की एनआईए कोर्ट में पेशी को लेकर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस ने डॉग स्क्वॉयड से लेकर मेटल डिटेक्टर तक की व्यवस्था की थी। स्थानीय पुलिस ने सुबह से ही कोर्ट परिसर व उसके आसपास के इलाकों में गश्त बढ़ा दी थी। एटीएस की टीम भी मौजूद थी। पुलिस लाइन से अतिरिक्त बलों को भेजा गया था। देर शाम तक पुलिस अफसर कोर्ट परिसर में ही मौजूद रहे। सुबह से ही स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को पटना सिविल कोर्ट के गेट पर तैनात कर दिया गया था।

किसी को भी कोर्ट के अंदर घुसने की इजाजत नहीं थी। सभी को मेन गेट पर ही पुलिस ने रोक दिया। कोर्ट परिसर के अंदर भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। दूसरी ओर एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट जाने के रास्ते में भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे।

इंडिगो के विमान (6ई 982) से संदिग्ध दोनों भाइयों को शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे पटना एयरपोर्ट लाया गया। इस दौरान आसमान से जमीन तक हर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई। पटना हवाई अड्डा परिसर में भारी संख्या में सीआईएसएफ व एटीएस के बलों की तैनाती थी। एयरपोर्ट सूत्रों की मानें तो विमान में जिस सीट पर इन दोनों भाइयों को लाया गया उसके आसपास एनआईए के काफी संख्या में अफसरों की तैनाती थी। पटना एयरपोर्ट पर पहले इन्हें स्टेट हैंगर की ओर से लाने की तैयारी की गई थी, लेकिन आखिरी समय में योजना को बदलकर आगमन एरिया से लाया गया।

जिस समय इस विमान को पटना रनवे पर उतरना था, उससे पहले एयरपोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो चुकी थी। एयरपोर्ट परिसर में इस दौरान विजिटर इंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। विमान की पिछली सीट पर इन दोनों को बिठाया गया था, ताकि यात्रियों से संपर्क न हो। पटना में उन्हें यात्रियों से पहले उतारा गया, जबकि हैदराबाद में यात्रियों के बैठने के बाद आखिरी में दोनों को फ्लाइट में बैठाया गया था।

विदित हो कि १७ जून को सिकन्दराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन जब १.२५ बजे दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. २ पर पहुंची तो पार्सल यान से ७ पार्सल उतारा गया। पार्सल उतारने व हटाने के क्रममें एक पार्सल में बिस्फोट होकर आग लग गयी। उक्त पार्सल नामजद अभियुक्त मो. सुफियान ने १५ जून को बुक कराया था। अभी तक मु. सुफियान की पहचान नहीं हो पायी है। एनआईए ने कांड संख्या आरसी १३/२१ दिनांक २४ जून २०२१ को बिस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा  ३, ४, २, ५ में दर्ज कर अनुसंधान कर रही है।