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दलाई लामा 14 जुलाई को जम्मू पहुंचेंगे-अगले दिन होंगे लेह रवाना, लद्दाख प्रशासन तैयारियों में जुटा


जम्मू,। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बौद्ध, धर्म गुरू दलाई लामा के दौरे को यादगार बनाएगा। दलाई लामा पंद्रह जुलाई काे चार साल के बाद लद्दाख दौरे पर आ रहे हैं। ऐसे में लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने का जोश उनके स्वागत में होने वाले कार्यक्रमों में दिखेगा।

दलाई लामा पंद्रह जुलाई काे लेह पहुंचने के बाद अगले दिन से एक सप्ताह के एकांतवास में चले जाएंगे। ऐसे में 23 जुलाई को उनके आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी। दलाई लामा 14 जुलाई को जम्मू पहुंच रहे हैं। रात को जम्मू रुकने के बाद वह पंद्रह जुलाई सुबह दस बजे के करीब लेह के लिए रवाना हो जाएंगे। जम्मू एयरपोर्ट पहुंचने पर उनका स्वागत किया जाएगा।

कोरोना से उपजे हालात के बाद दलाई लामा पहली बार हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से कहीं बाहर जा रहे हैं। वह लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के निमंत्रण पर लद्दाख आ रहे हैं। दौरे के दौरान दलाई लामा का उन्नीस अगस्त तक लेह में ठहरने का कार्यक्रम है। लेकिन वह कितने दिन तक लद्दाख के रुकते हैं, यह उनके स्वास्थ्य पर निर्भर रहेगा। गत दिन लद्दाख ने पूरे जोश के साथ दलाई लामा का 87वां जन्मदिन मनाया था।

पंद्रह जुलाई को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर दलाई लामा का स्वागत होगा। लेह एयरपोर्ट में उनका स्वागत उपराज्यपाल आरके माथुर, लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी व लेह हिल काउंलिस के पदाधिकारी करेंगे। उन्हें रैली में लेह के चोगलमसर में उनके आवास तक ले जाया जाएगा। पहले दिन शाम को दलाई लामा अपने आवास पर शाम को लद्दाख के सौ के करीब प्रमुख लोगों के साथ मिलेंगे। इसके बाद वे सोलह जुलाई से एक सप्ताह के एकांतवास पर रहेंगे। इस दौरान किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नही होगा।

लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के उप प्रधान व पूर्व मंत्री छीरिंग दोरजे ने बताया कि लद्दाख ने दलाई लामा के आने के लिए चार साल इंतजार किया है। ऐसे में उनके दर्शन करने के लिए लद्दाखी बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि दलाई लामा के दौरे को कामयाब बनाने के लिए उपराज्यपाल प्रशासन, लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन व लद्दाख में बसे तिब्बत के निवासियों के संगठनों ने पूरी तैयारी कर रखी है। उन्होंने बताया कि दलाई लामा लेह के चोगलमसर में करीब एक महीने के अपने प्रवास के दौरान 3 दिन तक प्रवचन भी देंगे। अभी यह तय नही हुआ है कि प्रवचन किस दिन से शुरू होंगे। वे अन्य कुछ धार्मिक कार्यक्रमाें में भी शामिल हो सकते हैं।