News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

दिल्ली दंगों पर हाई कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कही ये बड़ी बात


  • नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले के एक आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि 2020 में हुए दिल्ली दंगे किसी घटना की प्रतिक्रिया की वजह से नहीं हुए थे। इसे पूर्वनियोजित और सुनियोजित ( Pre Planned & pre mediated conspiracy ) ढंग से अंजाम दिया गया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन दिवसीय हिंसा पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “फरवरी 2020 के दंगे एक साजिश थी, जिसको योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।” इसमें 50 से अधिक लोग मारे गए और 200 घायल हो गए।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत वीडियो फुटेज में, प्रदर्शनकारियों के आचरण से यह स्पष्ट था कि दंगे सामान्य जीवन और सरकार के कामकाज को बाधित करने के लिए एक सुनियोजित प्रयास थे।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, “सीसीटीवी कैमरों को व्यवस्थित रूप से काटना और नष्ट करना भी शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए एक पूर्व नियोजित साजिश के अस्तित्व की पुष्टि करता है।यह इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि असंख्य दंगाइयों को बेरहमी से लाठी, डंडा, बैट आदि के साथ उतारा गया।”

न्यायमूर्ति प्रसाद ने एक आरोपी मोहम्मद इब्राहिम के जमानत अनुरोध को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसे दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। एक अन्य आरोपी मोहम्मद सलीम खान को जमानत दे दी गई।

उच्च न्यायालय ने कहा, “व्यक्तिगत स्वतंत्रता का इस्तेमाल सभ्य समाज के ताने-बाने को खतरे में डालने के लिए नहीं किया जा सकता है।” इब्राहिम को सीसीटीवी क्लिप में भीड़ को तलवार से धमकाते हुए देखा गया था।

इब्राहिम को 24 फरवरी को प्रदर्शनकारियों की भीड़ द्वारा हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या से जोड़ा गया है। उनके वकील ने तर्क दिया था कि रतन लाल की मौत तलवार से नहीं हुई थी। इब्राहिम ने यह भी दावा किया कि वह केवल अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए तलवार लेकर चल रहा था।