नई दिल्ली, : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोनी की दूसरी लहर की वजह से देशभर से रोजाना आने वाले केसों में कई गुना बढ़ोतरी हो गई है। हालात ये ही दिल्ली में अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी देखने को मिल रही है। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में आज छठे दौर का सीरो सर्वे शुरू हो रहा है। इससे पहले पांचवें राउंड के तहत सीरो सर्वे के नमूने 11 से 21 जनवरी के बीच इकट्ठा किए गए थे। इस दौरान पता लगा था कि दिल्ली के 56 फीसदी से अधिक लोग वायरस के संपर्क में आए थे।
वहीं अब दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार से छठा सीरो सर्वे शुरू हो रहा है। इस छठे राउंड के तहत 272 वार्ड में 28 हजार सैंपल लिए जाएंगे, जिसमें हर वार्ड से 100 लोगों के सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे। इस बार सर्वे में वो लोग भी होंगे, जिन्हें वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इससे पहले जनवरी में होने वाले सीरो सर्वे में दिल्ली की आधी आबादी कोरोना संक्रमित हो चुकी थी।
सीरो सर्वे के नतीजों से क्या निकला
दरअसल, उस वक्त सामने आए सीरो सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले थे, क्योंकि दिल्ली में आधी से ज्यादा आबादी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई थी। जिसका मतलब साफ है कि उन लोगों को कोरोना हुआ और उन्हें इसका पता भी नहीं चला और वे ठीक हो गए। यानी उन लोगों की बॉडी में वायरस के खिलाफ नेचुरल रूप से एंटीबॉडी पाई गई।
इधर, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों के एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में डिटेक्टेबल एंटीबॉडीज थे। उनमें से 17 फीसदी से अधिक ने छह महीने में वायरस को प्रभावी रूप से बेअसर करने की क्षमता खो दी है। आपको बता दें कि दिल्ली में रोजाना मिल रहे कोरोना के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। रविवार को भी दिल्ली में 10,774 मामले दर्ज हुए, जो कभी कोरोना की शुरुआत के दौरान भी नहीं आए थे।