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दिल्‍ली AIIMS में OPD और जनरल ओटी की सेवाएं नहीं हुईं बंद


नई दिल्‍ली. देश और दिल्‍ली में बढ़ते कोरोना (Corona) मरीजों को देखते हुए देश के सबसे बड़े अस्‍पताल ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने आठ अप्रैल से ओपीडी सेवाएं सीमित करने का फैसला किया था. इसके तुरंत बाद अब 10 अप्रैल से यहां जनरल ओटी (General OT) की सेवाओं में भी कटौती की जा रही है. जिससे इलाज का इंतजार कर रहे हजारों मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

पिछले साल कोरोना महामारी और एम्‍स के एक हिस्‍से को कोविड स्‍पेशल (Covid Special) बनाए जाने के बाद मरीजों को इलाज में भारी परेशानी आई थी. लगभग वहीं हालात एक बार फिर पैदा हो गए हैं. दिल्‍ली में कोरोना के मरीजों की संख्‍या बढ़ने के कारण एम्‍स में ओपीडी और जनरल ओटी की सेवाओं को सीमित कर दिया गया है. जिससे ऑपरेशन की तारीख लेकर बैठे लोगों को भारी दिक्‍कतें झेलनी पड़ेंगी.

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डी के शर्मा की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि शनिवार यानि 10 अप्रैल से सिर्फ बेहद जरूरी सर्जरी ही अस्‍पताल में की जाएंगी. दिल्‍ली में कोरोना आउटब्रेक (Corona outbreak) को देखते हुए इन्‍फ्रास्‍ट्रकचर, मेनपॉवर और मेटेरियल रिसोर्सेज को कोरोना नियंत्रण में लगाया जा रहा है. ऐसे में अस्‍पताल में रोजाना होने वाली करीब चार हजार सर्जरी में से विशेष रूप से अनिवार्य सर्जरी ही की जाएंगी.

एम्‍स ओपीडी में 14 हजार जबकि ओटी में करीब 5 हजार मरीज आते हैं रोजाना 

एम्‍स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र बताते हैं कि अस्‍पताल की ओपीडी में रोजाना 14 हजार मरीज दिखाने के लिए आते हैं. जबकि अस्‍पताल के सभी विभागों के करीब 60 ऑपरेशन थिएटर में औसतन रोजाना 6-7 ऑपरेशन होते हैं. जबकि कुछ ईयूए आदि जांचे होती हैं. ऐसे में करीब पांच हजार मरीजों को रोजाना जनरल ओटी में इलाज मिलता है. अगर अस्‍पताल की सेवाओं में कटौती की गई है तो सिर्फ ओपीडी मरीजों के साथ ही ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों की संख्‍या भी कम हो जाएगी.

मरीजों को ये होगी सबसे बड़ी परेशानी

कोरोना के चलते हुए इस बदलाव के बाद मरीजों को सबसे बड़ी परेशानी ये होगी कि वे इलाज नहीं ले पाएंगे. इस अस्‍पताल में देशभर से वे मरीज आते हैं जो कहीं और इलाज करा चुके होते हैं, काफी गंभीर होते हैं, किसी और अस्‍पताल में बीमारी का इलाज नहीं होता या सिर्फ एम्‍स में ही जिस बीमारी का इलाज हो. ऐसे में यहां आने वाले लगभग सभी मरीज गंभीर ही होते हैं. अगर अस्‍पताल में मरीजों की संख्‍या सीमित की जाती है तो बाकी बचे हुए मरीजों को कहीं और इलाज मिलना मुश्किल हो जाता है. इन मरीजों में किसी भी विभाग के मरीज हो सकते हैं.

आठ से ओपीडी में किया गया है ये बदलाव

दिल्‍ली एम्‍स की ओपीडी में इलाज की व्‍यवस्‍था को कुछ सीमित किया गया है. जिसके चलते मरीजों को अस्‍पताल से बिना इलाज कराए भी लौटना पड़ सकता है. अस्‍पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार अब पहले की तरह मरीज बिना अपॉइंटमेंट के सीधे अस्‍पताल की ओपीडी में नहीं पहुंच सकेंगे. इसके लिए उन्‍हें पहले ही अपॉइंटमेंट लेनी होगी.