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देश की सभी पंचायतों का मास्टर प्लान बनाएगी केंद्र सरकार,


पटना: राज्यों के सहयोग से केंद्र सरकार अगले 25 वर्षों में यानी 2047 तक देश के सभी पंचायतों का मास्टर प्लान बनाएगी। इस पहल से गांवों में लोगों को होम लोन लेना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय बुनियादी ढांचे, विकासात्मक आवश्यकताओं, रोजगार के अवसरों और पंचायतों के संसाधनों को बढ़ावा देने का प्रयास होगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में गिरिराज सिंह ने पंचायतों के वाट्सएप गु्रप बनाने की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाट्सऐप ग्रुप में पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ एक महिला, एक युवा और बुजुर्ग को जरूर शामिल किया जाए। साथ ही मंत्री ने हर जिले में लोकपाल की तैनाती सुनिश्चित करने की ओर राज्य सरकारों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि पंचायत और सभी संबंधित विकास योजनाओं के जमीनी स्तर पर कुशल और सुचारू क्रियान्वयन की दिशा में दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में पंचायतों को शक्तिशाली और जीवंत संस्था बनाने के सपनों को साकार करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का लक्ष्य तय किया है। विजन 2047 के साथ हमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित सतत विकास लक्ष्यों को भी प्राप्त करना है। वर्ष 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल करने का हमारा इरादा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि पंचायतों के विकास के लिए दृष्टिकोण और मानसिकता में बदलाव की जरूरत है। मंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के जरिए गांवों में रोजगार सृजन और आधारभूत ढांचा निर्माण के साथ स्वयं सहायता समूह के लिए किए गए प्रविधान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत बनाने को लेकर किए गए प्रविधान से संबंधित जानकारी दी। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन, प्रदेश मीडिया प्रभारी अशोक भट्ट और राजेश झा राजू भी उपस्थित थे।

हर प्लाट का होगा यूनिक नंबर

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बताया कि देश में तेजी से बढ़ते भूमि विवाद परेशानी की वजह बन रही है। नेशनल जेनेरिक डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम  पोर्टल (एनजीडीआरएस) और डैशबोर्ड लांच किया है। अब हर प्लाट का अपना यूनिक नंबर होगा। मंत्री ने कहा कि जब सम्पूर्ण भारत में  विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआइएन) का क्रियान्वयन हो जाएगा, तो अधिकांश भूमि विवादों का निपटारा हो जाएगा। एक क्लिक पर किसी भी प्लाट का ब्योरा उपलब्ध होगा।