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नीतीश कुमार बन सकते हैं देश में विपक्ष की नई आवाज, जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तस्वीर हो जाएगी साफ


पटना। अगले माह के पहले हफ्ते में तीन और चार तारीख को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी तो पटना में, पर मुद्दा देश का आगे बढ़ेगा। नीतीश कुमार नए अंदाज में विपक्ष को एकजुट करने के लिए निकलें इसके लिए उनका दल उन्हें अधिकृत करेगा। सीधे-सीधे यह बात सामने आएगी कि केंद्र में जो दल सत्ता में है वह यह नहीं समझे कि विपक्ष खत्म हो गया है। पुन: नीतीश कुमार का नाम पीएम मैटेरियल के रूप में लिया जा रहा। पार्टी इस पर क्या रखती है यह बात भी सामने आएगी। जदयू की तरफ से अभी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा गया है कि नीतीश कुमार विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार हो सकते हैं पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह यह जरूर कह रहे हैं कि विपक्ष अगर नीतीश कुमार को इस पद के लिए चाहेगा तो जदयू को कोई एतराज नहीं।

जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा यह कह रहे हैं कि नीतीश कुमार तो प्रधानमंत्री मैटेरियल हैं ही पर विपक्ष की एकजुटता के लिए वह अपनी तरफ से उनके नाम को प्रस्तावित नहीं करेंगे। इन बयानों के बीच सबसे महत्वपूर्ण बयान राजद नेता व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का आया। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए उन्होंने नीतीश कुमार को योग्य कहा है। राजनीतिक गलियारे में चल रही इस राष्ट्रीय चर्चा पर जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विमर्श होना तय है। आगे की राह क्या होगी? इस संदर्भ में यह बात भी सामने आएगी।

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी अहम

देश के स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की बात नीतीश कुमार पहले कह चुके हैं। इसलिए यह उम्मीद है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद उन्हें इस काम के लिए अधिकृत करेगा। भाजपा के अश्वमेध रथ को रोकने के लिए बस चालीस सीट किस तरह कम की जाएं इस फार्मूले पर जदयू के दिग्गजों ने अपनी बात कही है। केवल  बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से ही इतनी सीटें कम हो जाएंगी इस बात को केंद्र में रखने की बात है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस मसले पर विमर्श लाजिमी है। एनडीए में रहते हुए भी जदयू मंहगाई पर केंद्र सरकार को घेरते हुए यह कह चुका है कि यह जनता से जुड़ा हुआ मुद्दा हैं। इसलिए विपक्ष के रूप में जदयू इस पर राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होगा।

क्षेत्रीय दलों को साथ जोड़ने पर होगी बात

क्षेत्रीय दलों को साथ जोड़ने की मुहिम में आगे बढ़ने की बात भी होगी। इसके मूल में यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटना में यह कह चुके हैं कि आने वाले समय में सभी क्षेत्रीय दल खत्म हो जाएंगे। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यह बात भी नीतीश कुमार खुद कहेंगे कि उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से जदयू को अलग किए जाने का फैसला क्यों किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी इस फैसले पर अपनी मुहर लगाएगी।