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नेपाल की राजनीति में फिर भूचाल, पूर्व PM माधव कुमार करेंगे नए राजनीतिक दल का गठन


काठमांडूः प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ( CPN-UML ) द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री तथा पार्टी में प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता माधव कुमार नेपाल और भीम रावल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित करने के बाद देश की राजनीति में फिर भूचाल आ गया है। पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल और उपाध्यक्ष रावल को जारी किए गए दो अलग-अलग पत्रों में पार्टी ने कहा कि दोनों को छह महीने के लिए निलंबित किया गया है। माधव के निलंबित होने के बाद कयास लगाए जा रहे है कि नेपाल में जल्द ही मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा के अनुरूप एक नई राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी का गठन किया जाएगा जिसका नेतृत्व कम्युनिस्ट पार्टी में केपी शर्मा ओली के खिलाफ बगावत करने वाले नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल करेंगे।

दरअसल प्रधान मंत्री ओली ने मार्च के दूसरे सप्ताह में सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ सदस्यों से परामर्श किए बिना पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक आयोजित की थी जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार विद्रोह कर दिया और नया राजनीतिक संगठन बनाने का निर्णय लिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार का आरोप है कि समिति की बैठक के लिए वरिष्ठ सदस्यों से परामर्श जरूरी है और अगर ऐसा न करके ओली केंद्रीय राजनीति को सिर्फ खुद पर केंद्रित करना चाहते हैं। माधव कुमार ने कहा कि हम मानते हैं कि उन्हें अकेले मार्क्सवाद की विचारधारा पर पर पार्टी का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि लेनिनवाद नेपाल में एक लोकप्रिय विचारधारा है जिसे हम पहले ही राज्य में पहुंचना शुरू कर चुके हैं और हम जल्द ही एक नई पार्टी शुरू करेंगे।

बता दें कि नेपाल में सियासी संकट तब गहराया जब सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) जिसका गठन केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता वाली नेपाल की मार्क्सवादी-लेनिनवादी एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (CPN-UML) और पुष्प कमल दहल के नेतृत्व वाली नेपाल कम्युनिस्ट (माओवादी-केंद्रवादी) पार्टी के विलय से हुआ था, तीन वर्ष के अंदर ही टूट गई। दोनों पार्टियों का एकीकरण 2018 में होने जा रहे चुनावों से ठीक पहले हुआ था लेकिन नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 20 दिसंबर 2020 को ओली सरकार के सुझाव पर नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (HoR) को भंग कर दिया। इसके साथ साथ राष्ट्रपति ने 30 अप्रैल और 10 मई 2021 को प्रतिनिधि सभा के नए चुनाव कराने की घोषणा भी कर दी।