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पंजाब कांग्रेस की कलह बरकरार, अमरिंदर सिंह से मिलने चंडीगढ़ रवाना हुए हरीश रावत


  1. कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह को दूर करने के लिए पार्टी आलाकमान की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद टकराव की स्थिति बनी हुई है क्योंकि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके समर्थक नेता पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाने के खिलाफ हैं। पंजाब की कांग्रेस इकाई में घमासान के बीच एआईसीसी के महासचिव और कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलने शनिवार को चंडीगढ़ रवाना हुए।

इससे एक दिन पहले अमरिंदर सिंह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से नवजोत सिंह सिद्धू को महत्वपूर्ण पद देने को लेकर आपत्ति जताई थी। ऐसी अटकलें हैं कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस इकाई का प्रमुख बनाया जा सकता है। रावत की यह यात्रा अमरिंदर सिंह को मनाने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है क्योंकि वह सिद्धू को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ हैं।

बता दें कि अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पत्र लिखकर आग्रह भी किया कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। उन्होंने यह पत्र ऐसे समय लिखा है जब ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष और कोई अन्य महत्वपूर्ण भूमिका दे सकता है। इस बीच, सिद्धू ने शुक्रवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव हरीश रावत भी मौजूद थे।

बैठक के बाद रावत ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है और जब फैसला हो जाएगा तब वह मीडिया के साथ इसे साझा करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा रहा है तो रावत ने कहा, ‘यह किसने कहा है?” उन्होंने कहा, ”मैं यहां पंजाब को लेकर अपनी रिपोर्ट सोनिया जी को सौंपने आया था। जब फैसला हो जाएगा तो उसे आपसे साझा किया जाएगा।”