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पंजाब: CM चन्नी के लिए चुनौती बनी सुरजीत धीमान की ये मांग


  • चंडीगढ़, । पंजाब में विधानसभा चुनाव के दिन क़रीब आ रहे हैं। सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट चुकी हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस भी अपनी चुनावी मैदान को मंज़बूत करने के लिए नई-नई रणनीति तैयार कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने पंजाब में दलित कार्ड खेलकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री के पद पर ताजपोशी कर दी। लेकिन अब कांग्रेस के सामने जातिवाद को लेकर मामला उलझता दिख रहा है। ओबीसी वर्ग से संबंधित दिड़बा से विधायक सुरजीत धीमान ने नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वन इंडिया हिंदी ने विधायक सुरजीत धीमान इस बाबत बात की उन्होंने बताया कि हाई कमान के सामने बात रखते हुए पंजाब कैबिनेट में कम से कम दूसरे समुदाय के 2 विधायकों को मंत्री पद देने की मांग की है।

विधायक सुरजीत धीमान की मांग

विधायक सुरजीत धीमान ने कहा कि दलित भाईचारे को सूबे का नेतृत्व सौंपते हुए चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया है ये एक सराहनीय क़दम है। इसके साथ ही दूसरे समुदाय के नुमाइंदों को भी उनका हक मिलना चाहिए। इसके लिए वह काफ़ी अरसे से मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती तो वह ओबीसी भाईचारे से बात कर अगला फ़ैसला लेंगे। समाज जागरुक है समाज के फ़ैसले के साथ आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पास 80 विधायक हैं और उनमें से 9 विधायक ओबीसी से संबंधित हैं। दलित भाईचारे को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री, जट्ट सिख और हिंदू चेहरे को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। तो उनके समुदाय के लोगों की भी मांग है कि ओबीसी विधायकों को भी मंत्रीपद मिलना चाहिए। पंजाब की सियासत में ओबीसी भाईचारे की नुमाइंदगी करते हैं, उन्हें भी हक मिलना चाहिए।