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- कैबिनेट से मिलेगी आज हरी झंडी
- एक अक्तूबर से होगी नयी व्यवस्था प्रभावी
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(आज समाचार सेवा)
पटना। बालू संकट का अब समाधान हो जायेगा। सरकार ने पांच जिलों को छोड़ शेष ३३ जिलों में बिहार राज्य खनिज विकास निगम के माध्यम से बालू की विक्री करने जा रही है। इसके लिये नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। संशोधित नियमावली पर शुक्रवार को कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है। इससे संबंधित एजेडा कैबिनेट विभाग को भेज दिया गया है। वर्तमान में के वाइ अनुज्ञप्तिधारी के माध्यम से स्टॉक किये गये बालू को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर बालू बेचने का प्रावधान है। इस प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को ऊंची कीमत पर बालू खरीदने की मजबूरी थी। अब इससे छुटकारा मिलने की उम्मीद है।
खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य के २८४ घाटों से बालू खनन को लेकर बंदोवस्ती की गयी थी। इसके लिए एजेंसी का चयन किया गया था। मई माह में इन एजेंसियों के द्वारा बालू व्यवसाय में घाटा देने एवं अन्य कारणों का हवाला देते हुए कारोबार करने से इनकार करते हुए बंदोबस्ती को प्रत्यार्पित कर दिया था। इन एजेंसियों के द्वारा नियम के विरुद्घ बालू घाटों की बंदोवस्तीत करने का हवाला देते हुए एनजीटी एवं सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया गया था। जो अभी भी निर्णय के लिए वहां लंवित है।
बालू खनन में बाधा होने पर सरकार ने केवाइ अनुज्ञप्तिधारकों के माध्यम से बालू बेचने का निर्णय लिया था। सरकार ने इसके लिए दर भी तय कर रखा था। परंतु उसकी कीमत अधिक लगती थी। इन परेशानियों को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि जहां बालू घाट बंदोवस्ती प्रत्यार्पित कर दिया गया है वहां बिहार राज्य खनिज विकास निगम अपने स्तर से बालू की बिक्री करेगा। जहा घाट का बंदोबस्त है वहां नये सिरे से निविदा जारी कर घाटों को बंदोबस्त किया जायेगा। इसके लिए जल्द ही निविदा जारी की जायेगी। इसके लिए नियमावली में सशोधन किया जा रहा है। उम्मीद है कि राज्य में एक अक्तूबर के बाद से नयी व्यवस्था के तहत बालू का कारोबार होगा।