पटना (आससे)। बिहार में जाति, आय, आवास समेत अन्य प्रमाण पत्र अबतक अंचलाधिकारी द्वारा जारी किए जाते थे, लेकिन अब यह काम राजस्व अधिकारी करेंगे। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है। दरअसल राज्य सरकार का मानना है कि ऐसा करने से प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था आसान हो जाएगी।
बता दें कि प्रदेश में रहनेवाले मूल निवासी जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को विभिन्न जरूरतों के लिए कई तरह के प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। इसमें जाति, आय, आवास, क्रीमीलेयर रहित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
इन प्रमाण पत्रों को जारी करने के लिए अंचलाधिकारी को सक्षम प्राधिकार बनाया गया था। पर अब इसमें बदलाव करते हुए इसकी जिम्मेदारी राजस्व अधिकारी को दे दी गई है। बता दें कि 16 अगस्त 2011 से बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश से लोक सेवा अधिकार कानून लागू किया गया था। इस कानून के कारण लोगों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर काटने से आजादी मिली है।
ऐसे तो इस कानून के तहत 10 विभागों की 50 तरह की सेवाओं को लागू किया गया है, लेकिन सबसे अधिक आवेदन आवासीय और जाति प्रमाण पत्र को लेकर आते हैं। इस एक्ट में सेवा के लिए 7 से 30 दिन का समय रखा गया है। प्रावधान के अनुसार नियत समय पर सेवा नहीं मिलने पर अधिकारी की शिकायत की जा सकती है।